पढ़िए लव जिहाद की पांच कहानियां जो आपको सोचने पर मजबूर करेगी कि हकीकत क्या है और फसाना क्या.पढिये कि लव जिहाद शब्द कैसे गढ़ा गया. वरुण कुमार की रिपोर्ट

फोटो अमर उजाला
फोटो अमर उजाला

लव जिहाद की चर्चा इन दिनों पूरे भारत भर में हो रही है। तरह तरह की कहानियां सामने आ रही हैं। लड़कियों की रक्षा का दावा करने वाली संस्थाएं और लोग भी सामने आ गए हैं। कहीं-कहीं लव जेहाद के खिलाफ पोस्टर भी लगवा दिए गए हैं।

वहीं मुस्लिम नेता इसे इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ साजिश बता रहे हैं। लव जेहाद के केस एक के बाद सामने तो आ रहे हैं लेकिन पुलिस इनको खारिज कर रही है। सवाल ये है कि जिस लव जेहाद की इतनी चर्चा की जा रही है क्या उसका कोई आस्तित्व भी है?

तारा शहदेव जैसे हाइप्रोफाइल केस भी सामने आए हैं लेकिन अभी इनकी जांच जारी है। ऐसे माहौल में भावनाएं भड़काने वाले अपना काम बखूबी कर रहे हैं। आगे की पांच स्लाइडों में हम आपको बताएंगे लव जेहाद से जुड़ी पांच खास कहानियां।

मेरठ की कहानी

पांच सितंबर को मेरठ से एक लड़का और एक लड़की अपने अपने घरों से गायब हो गए। दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे लेकिन मजहब अलग अलग थे। इसे लव जेहाद कहा गया लेकिन हकीकत कुछ की दिन में साफ हो गई। दोनों संगीत सीखने के लिए घरों से भाग गए थे। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस की और बच्चों को बरामद कर लिया गया।

लेकिन एक दूसरे केस में मेरठ की एक लड़की ने आरोप लगाया कि जबरदस्ती उसका धर्मपरिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही है। लड़की ने बताया कि उसे मदरसे में कैद करके रखा हुआ था। उसने आरोप लगाए कि उसे सउदी में बेचने की कोशिशें जारी थीं। लड़की के बयानों से हंगामा मच गया और पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल तक इस मामले की जांच जारी है लेकिन अब तक इसमें लव जेहाद जैसा कुछ साबित नहीं हुआ है।राजनीति के जानकार मानते हैं कि यूपी में उपचुनाव के मद्देनज़र भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों ने ‘लव जेहाद पैकेज’ को यूपी में लॉंच किया था। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अगर इन चुनावों में ये मुद्दा असर कर गया तो आने वाले विधानसभा चुनावों में इसे भुनाया जाएगा।

मथुरा में बीजेपी कार्य समिति की बैठक हुई तो उसमें भी इस मुद्दे की चर्चा हुई। बीजेपी के नेताओं ने खुल कर तो कुछ नहीं कहा लेकिन जिस तरह से इस मुद्दे को हवा दी गई उससे साफ हो गया कि बीजेपी ने उपचुनावों में जीत के लिए कमर कस ली है।

आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य और ऑर्गेनाइज़र में भी लव जेहाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। शीर्षक दिया गया ‘प्यार अंधा या धंधा’। अभी तक जिस लव जेहाद के बारे में सिर्फ बातें की जाती थीं उसके बारे में इस तरह लिखा जाना कई सवाल खड़े करता है।

लव जिहाद और सियासत

सवाल ये है कि क्या जानबूझ कर लव जेहाद के जिन्न को बोतल से बाहर निकाला गया? सवाल ये है कि क्या ये सब राजनीति चमकाने के लिए किया जा रहा है? कौन है इसके पीछे?लव जेहाद की परिभाषा देते हुए कहा जाता है कि इसमें मुस्लिम लड़के हिंदु लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाते हैं और उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं। माना जाता है कि ये शब्द पहली बार केरल में सुना गया था।

केरल से शुरू हुई कहानी

केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांड़ी ने विधानसभा में जानकारी देते हुए कहा था कि साल 2006 से 2012 तक केरल में करीब 7713 लोगों का धर्म परिवर्तन हुआ और सभी मुसलमान बन गए इसमें 2500 से ज्यादा महिलाएं थीं।

इस पर बहुत चिंता व्यक्त की गई लेकिन इसके काफी दिनों तक इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई। हाल ही में जो भीषण दंगा मुजफ्फरनगर में हुआ उसकी जड़ में छेड़छाड़ की एक घटना थी जिसमें एक धर्म के युवकों ने दूसरे धर्म की युवती को छेड़ा था।

इसके बाद तो मानो यूपी सुलग उठा। एक के बाद एक ऐसे मामले सामने आने लगे जिसमें लड़का मुस्लिम था और लड़की हिंदू। कुछ लड़कियों ने जबरन धर्म परिवर्तन का दवाब डालने का भी आरोप लगाया।

सत्तारूढ़ सपा सरकार ने कहा कि बीजेपी ध्रुवीकरण कर समाज को बांटने का काम कर रही है, बीजेपी ने इन आरोपों से इंकार कर दिया। हालांकि RSS और VHP जैसे संगठन यूपी भर में लव जेहाद के विरोध में काम कर रहे हैं।

सहारनपुर में ‘वन्दे मातरम मिशन’ के विजयकांत चौहान दावा करते हैं कि उन्होंने हिंदू समाज की कई लड़कियों को लव जेहाद के शिकंजे से छुड़ाया है। उनका संगठन लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी देता है और लव जेहाद से बचने के टिप्स भी। वे मानते हैं कि बाकायदा इस लव जेहाद के लिए मुस्लिम देशों से पैसा आता है।

उनका संगठन लव जेहाद के प्रति हिंदु लड़कियों में जागरुकता फैलाने के लिए पर्चे छपवा कर गांवों में बंटवाता है। इस संगठन ने एक हेल्पलाइन भी शुरू की है। कुछ वक्त पहले RSS ने भी इस तरह की एक हेल्पलाइन शुरू की थी। विजयकांत चौहान का आरोप है कि हिंदू लड़कियों को शादी के कुछ वक्त के बाद ये लोग छोड़ देते हैं और लड़की कहीं की नहीं रह जाती।

उनका कहना है कि मुस्लिम युवक हिंदु लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाते हैं और उनका धर्म बदलवाते हैं। उनका दावा है कि वह ऐसी कई लड़कियों को धर्म में वापस ला चुके हैं। अन्य कई हिंदू संगठनों के लोग नाम ना छापने की शर्त पर बताते हैं कि,”लव जेहाद तो काफी पहले से चल रहा है लेकिन नई सरकार आने के बाद से हम थोड़ा सक्रिय हो गए हैं।”कुछ मुस्लिम लड़कियों ने भी हिंदू लड़कों के साथ शादी की है। इस तरह के मामलों को प्रेम युद्ध और रिवर्स लव जेहाद का नाम दिया जा रहा है। आरोप लगाए जा रहा हैं कि हिंदु संगठन भी युवकों को ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

लव जिहाद बनाम प्रेम युद्ध

बीबीसी की एक खबर के मुताबिक सहारनपुर और देवबंद के बीच सिद्की गाँव के पास की रहने वाली रिज़वाना (बदला हुआ नाम) ने जब शेखर से शादी की तो कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसे ‘प्रेम युद्ध’ की संज्ञा दे दी। लेकिन रिज़वाना का मामला कुछ हटकर है क्योंकि अब वो अपने हिंदू नाम और अपने पति के साथ उत्तराखंड में रहती हैं लेकिन उन्होंने किसी पर धर्म परिवर्तन का आरोप नहीं लगाया है।

सवाल ये है कि आखिर सच कौन कह रहा है? क्या वाकई लव जेहाद या प्रेस युद्द का आस्तित्व है? अगर है तो कानून क्या कर रहा है और अगर नहीं है तो फर्जी चीजें और बातें कौन बना रहा है?

अमर उजाला डॉट कॉम से साभार

By Editor

Comments are closed.