राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की 27 अगस्त को भाजपा के खिलाफ पटना में होने वाली रैली पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने चुटकी ली. सुमो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि लालू प्रसाद देश  बचाओं नहीं ‘बेनामी सम्पति बचाओं रैली’ आयोजित करने जा रहे हैं.
नौकरशाही डेस्क

उन्होंने कहा कि रैली के जरिए लालू प्रसाद चारा घोटाले व रेलमंत्रित्व काल में अर्जित अपनी अकूत बेनामी सम्पति को बचाना चाहते हैं. सत्ता हमेशा  से लालू प्रसाद के लिए गरीबों का कल्याण नहीं बल्कि लूट का लाइसेंस बन कर रही है. रैली-रैला के जरिए लालू प्रसाद चाहे जितनी कोशिश  कर लें उनकी बेनामी सम्पति बचने वाली नहीं है.

सुमो ने पिछले लालू यादव के आवास पर इनकम टैक्स की रेड का जिक्र करते हुए कहा कि उनके परिवार में भ्रष्टाचार और मुखौटा कम्पनियों के जरिए अकूत बेनामी सम्पति एकत्र करने वालों में केन्द्र सरकार की कार्रवाई से हड़कम्प है. लालू प्रसाद के साथ नोटबंदी का जोर-शोर से विरोध करने वाले ममता बनर्जी, मायावती  और अखिलेश  यादव जैसे लोग अब रैली के नाम पर बेनामी सम्पति को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं.

आगे कहा कि लालू प्रसाद ने यह तो स्वीकार कर लिया है कि पटना में बन रहे बिहार का सबसे बड़ा 750 करोड़ का मॉल उनका है, मगर अब तक चुप्पी साध कर लालू परिवार ने यह भी मान लिया है कि दिल्ली के बिजवासन, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, सैनिक फार्म की कई सौ करोड़ की प्रोपर्टी के साथ ही औरंगाबाद की 54 डिसमिल जमीन, पटना में कत्याल की जमीन पर निर्माणाधीन पेट्रोल पम्प तथा जी बी मॉल जैसी तमाम बेनामी सम्पति के वे ही मालिक हैं.

सुमो ने नीतीश कुमार को लपेटे में लेते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद केन्द्र सरकार से बेनामी सम्पति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने वाले नीतीश  कुमार की लालू परिवार की हजार करोड़ की बेनामी सम्पति उजागर होने के बाद धिग्गी बंध गई है. अगर लालू प्रसाद की रैली में मुख्यमंत्री शामिल होते हैं तो इसका मतलब है कि बेनामी सम्पति के खिलाफ कार्रवाई की उनकी मांग ढकोसला थी और अब वे भ्रष्टाचारियों के समर्थन में खड़े हैं.

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