आज दिन भर चारा घोटाले में लालू यादव को मिलने वाली सजा और पटना में राजद की बैठक ही चर्चा के केंद्र में था कि अचानक भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष नित्‍यानंद राय की डिमांड बढ़ गयी। उनकी प्रतिक्रिया लेने की होड़ लग गयी। शाम को चार बजे राजद विधायक दल के नेता तेजस्‍वी यादव पत्रकार वार्ता में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के विचार और धारा को गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प दुहरा रहे थे। राजद सांसद, विधायक और पार्टी नेताओं के संकल्‍पों के बारे बता रहे थे कि करीब 4.20 बजे लालू यादव की सजा का एलान की खबर आयी। इसकी सूचना तेजस्‍वी को पत्रकारों और सहयोगियों ने दी। तेजस्‍वी इस सूचना के बाद भी अपनी बात रख रहे थे। लेकिन सजा की घोषणा के बाद पत्रकारों के साथ राजद नेताओं की अफरातफरी बढ़ गयी। इस बीच प्रेस वार्ता समाप्‍त कर तेजस्‍वी अपने कार्यालय की ओर चले गये। उनके साथ पार्टी के अन्‍य नेता भी कार्यालय लॉबी में पहुंचे। 

वीरेंद्र यादव

उधर मीडिया में बाईट लेने की होड़ मच गयी। मीडिया का सर्वाधिक फोकस तेजस्‍वी यादव पर रहा। हम वहां से आर बलॉक होते हुए इनकम टैक्‍स चौराहे की ओर बढ़े आ रहे थे। वीरचंद पटेल पथ पर कई पार्टियों का कार्यालय भी है। इसी रोड पर सत्‍तारूढ़ दल जदयू और भाजपा का कार्यालय भी है। राजद कार्यालय भी इसी रोड पर है। राजद कार्यालय में लगभग सन्‍नाटा सा पसरा हुआ था, जबकि जदयू और भाजपा कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी। दोनों कार्यालय के बाहर बड़ी संख्‍या में पुलिस बल तैनात कर दिये गये थे। ऐसा लग रहा था कि राजधानी का सबसे ‘असुरक्षित’ जगह सतारूढ़ दल के दोनों कार्यालय ही हैं।

हम सीधे भाजपा कार्यालय पहुंचे। पार्टी अध्‍यक्ष नित्‍यानंद राय टीवी चैनलों को फोनो देने में व्‍यस्‍त थे। इस बीच कई चैनलों के प्रतिनिधि भी कार्यालय में पहुंचे। नित्‍यानंद राय इस फैसले के बाद आक्रमण के बजाये पार्टी के बचाव में दिखे। वे राजद के आरोपों की सफाई दे रहे थे कि लालू के खिलाफ जब भी कार्रवाई हुई, तब केंद्र में कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित सरकार ही थी। हालांकि उन्‍होंने कहा कि भाजपा ने जनता के मुद्दों को उठाया और जनता के मुद्दों पर संघर्ष करती रही है। लालू यादव के कानूनी मामलों से भाजपा का कोई वास्‍ता नहीं है। कानून अपना काम कर रहा है।

तेजस्‍वी के कार्यालय और भाजपा कार्यालय दोनों जगहों पर गहमागहमी थी। फैसले के बाद तेजस्‍वी के आवास के बाहर कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे थे तो भाजपा कार्यालय में भी चर्चा लालू की सजा पर ही टिकी हुई थी। टी स्‍टाल से लेकर लिट्टी दुकान तक लालू की सजा और जमानत की संभावनाओं से बात आगे नहीं बढ़ पा रही थी।

By Editor