योगी के रामराज में दारोगा बना डाकु, एक करोड़ 85 लाख का डाला डाका

बिहार भाजपा ने यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी की बहुचर्चित पटना रैली को स्थगित कर दिया है. पार्टी के इस फैसले से बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

नौकरशाही डेस्क

 

यह भाजपा के बिहार अध्यक्ष नित्यानंद राय ही हैं जिन्होंने बड़े जोरशोर से योगी की रैली की खबर बिहार भर में फैलायी थी. लेकिन यह अचानक क्या हो गया कि योगी की रैली पटना में नहीं होगी. इसके लिए 16 जून की तारीख तय थी. लेकिन बुधवार को नित्यानंद राय ने बयान जारी किया और रैली के स्थगित होने की सूचना दी. लेकिन राय ने जो वजहें रैली के स्थगन के लिए बतायी हैं उससे लोगों को जवाब उचित कारण मिलने के बजाये अशांकाये बढ़ गयी हैं. राय ने कहा कि 19 जून को पटना में मेयर का चुनाव है. इसिलए 16 जून को आयोजित योही की रैली स्थगित की जाती है क्योंकि भाजपा के कार्यकर्ता मेयर चुनाव में व्यस्त रहेंगे.

 

नित्यानंद राय के इस तर्क में में दम नजर नहीं आ रहा. क्योंकि पटना के मेयर के चुनाव की प्रक्रिया तब से चल रही है, जब योगी के पटना कार्यक्रम की कोई चर्चा भी नहीं थी. ऐसे में मेयर चुनाव को कारण बता कर रैली स्थगित करने की बात नहीं पचती. दूसरी तरफ इसी पटना में 11 जून को यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की रैली कृष्ण मेमोरियल हाल में हो रही है, जिसे स्थगित नहीं किया गया है. 9 जून को पटना नगरनिगम का चुनाव परिणाम आ रहा है. 11 को केशव की रैली है. 16 को आदित्यनाथ की रैली थी. जिसकी तिथि निगम चुनाव के प्रक्रिया की घोषणा के बाद तय की गयी थी. ऐसे में नित्यानंद द्वारा, योगी की रैली के स्थगित करने के पीछे दिये जाने वाले तर्क बेदम मालूम पड़ते हैं.

 

गौरतलब है कि नित्यानंद राय द्वारा बिहार प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के बाद बिहार में यह कोई पहला बड़ा आयोजन किया जाना था. इस रैली के  बहाने मोदी सरकार की तीन साल की उपलब्धियों को गिनाना था. योगी के सीएम बनने के बाद पहली बार पटना आने का कार्य्रम था. लेकिन योगी के कार्यक्रम के स्थगित होने के फैसले ने नित्यानंद राय और भाजपा के बिहार संगठन पर कई सवाल खड़े कर दिये हैं.

 

By Editor