उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने अपने राजनीतिक वारिस तेजस्वी यादव को टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी लिमिटड के दो मंजिला गेस्ट हाउस का मालिक बनाने के लिए केवल टाटा समूह का ही नहीं, बल्कि सहारा समूह का भी इस्तेमाल एक मुखौटा कम्पनी के माध्यम से किया है। 

उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी ने लगाया आरोप

श्री मोदी ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि करोड़ो रुपये के दो मंजिला गेस्ट हाउस के लिए जिस राजेश कुमार ने फेयरग्रो कम्पनी के अधिकृत प्रतिनिधि बनकर 65 लाख का भुगतान किया और बिक्री से संबंधित दस्तावेज पर क्रेता के रूप में हस्ताक्षर किया, वह उस कंपनी का न तो निदेशक था, न शेयरधारक और न ही कोई कर्मचारी था। उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि फेयरग्रो कम्पनी ने कभी कोई कर्मचारी ही नियुक्त नहीं किया था ।

उप मुख्यमंत्री ने सूचना के अधिकार के तहत आयकर विभाग से प्राप्त जांच रिपोर्ट के कुछ अंश मीडिया के सामने उद्धृत करते हुए कहा कि राजेश कुमार सहारा समूह के उप प्रबंध निदेशक जे. बी. राय के निजी सचिव थे तथा वर्तमान में वह सहारा मीडिया के कॉरपोरेट शाखा में महत्वपूर्ण पद पर हैं। उन्होंने बताया कि फेयरग्रो के निदेशक बृज सरीन और यश चौधरी ने जांच अधिकारियों से पूछताछ के दौरान बताया कि फेयरग्रो के बैलेंस शीट पर वे राजेश कुमार के कहने पर ही हस्ताक्षर करते थे और इस कम्पनी से राजेश कुमार ने ही परिचय कराया था।

श्री मोदी ने बताया कि जांच में यह भी पाया गया कि राजेश कुमार के ईमेल पर फेयरग्रो के अनेक निदेशक की नियुक्ति एवं त्यागपत्र के कागज था । इतना ही नहीं राजेश कुमार एमसीए फाइलिंग समेत कम्पनी के दिन-प्रतिदिन के कार्यों का प्रबंधन और नियंत्रण कर रहे थे । उन्होंने बताया कि जांच के दौरान राजेश कुमार ने यह स्वीकार किया कि वह सहारा ग्रुप के उप महाप्रबंधक हरदीप सिंह के निर्देश पर काम करते थे।

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