राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने वीवीआईपी कैटेगरी की समीक्षा करते हुए लालू प्रसाद और उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी को इससे बाहर कर दिया है, जिसे अब एयरपोर्ट पर उन्‍हें सामान्‍य वीआईपी की तरह सुरक्षा जांच के बिना नहीं गुजर पाऐंगे.

नौकरशाही डेस्‍‍क

वहीं, राजद ने केंद्रीय विमानन मंत्रालय के इस कदम को विपक्ष की नेताओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. राजद प्रवक्‍ता मनोज झा ने कहा कि यह केंद्र सरकार की साजिश है, जो विपक्ष के नेताओं की सुरक्षा के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है. तो भाजपा ने एयरपोर्ट पर लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को मिले विशेषाधिकार को वापस लेने के कदम का स्‍वागत किया. भाजपा नेता विनोद नारायण झा ने कहा कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को पूर्व मुख्‍यमंत्री होने के नाते यूपीए सरकार के समय ये विशेषाधिकार मिला था, लेकिन पूर्व मुख्‍यमंत्री जगन्‍नाथ मिश्र और जीतन राम मांझी को ये अधिकार नहीं है. यह भेदभाव पूर्ण था. वैसे मंत्रालय में इस मामले में समय – समय पर समीक्षा होते रही है, जिसके तहत उनसे विशेषाधिकार वापस लिया गया है, जो उचित है.

उल्‍लेखनीय है कि लालू प्रसाद पर बेनामी संपत्ति के मामले में पहले ही सीबीआई, आईटी और ईडी ने कार्रवाई की. इसके बाद चारा घोटाला मामले में रांची कोर्ट ने भी उन्हें हर पेशी पर सशरीर उपस्थित रहने का आदेश दे दिया है. वहीं, उनके बड़े बेटे और स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप के पेट्रोल पंप के लाइसेंस को भी पेट्रोलियम मंत्रालय ने अनियमितताओं के आरोप में रद कर दिया था, जबकि छोटे बेटे डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई ने बेनामी संपत्ति रखने के आरोप में FIR दर्ज किया है.

 

 

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