झारखंड उच्च न्यायालय ने बिहार के पूर्व मुख्यरमंत्री लालू यादव व नीतीश कुमार से जुड़ी दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली है और दोनों मामलों में फैसला सुरक्षित कर लिया है। पहला मामला लालू यादव से जुड़ा हुआ है। हाई कोर्ट ने श्री यादव की उस याचिका पर कल फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चारा घोटाला के एक मामले में सजा मिलने के बाद उसी तरह के साक्ष्य और उसी तरह के आरोप के आधार पर उन पर दूसरे मामले में ट्रायल नहीं चलाया जा सकता है। न्यायाधीश आर आर प्रसाद की अदालत ने चारा घोटाल के नियमित मामले 64ए/96 की सुनवाई करते हुए श्री यादव की इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।Nitish-asks-Lal15121
नौकरशाहीडॉटइन डेस्क

 
उल्लेखनीय है कि श्री यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि चारा घोटाला के नियमित मामले 20ए/96 में उन्हें केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत से सजा मिल चुकी है, इसलिए चारा घोटाला के 64ए/96 मामले में भी उसी तरह के आरोप और तरह के साक्ष्य के आधार पर उन पर ट्रायल नहीं चलाया जा सकता है। चारा घोटाला का नियमित मामला 20ए/96 झारखंड़ के चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रूपये की अवैध निकास का है, जबकि 64ए/96 मामला देवघर कोषागार से 97 लाख रूपये की अवैध निकासी का है।

 

 

नीतीश से जुड़ी याचिका
उधर झारखंड उच्च न्यायालय ने चारा घोटाले मामले में एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व सांसद शिवानन्द तिवारी तथा अन्य को आरोपी बनाये जाने के संबंध में दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायाधीश आर आर प्रसाद की अदालत ने याचिकाकर्ता मिथिलेश सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उल्लेखनीय है कि मिथिलेश सिंह ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर चारा घोटाला मामले में नीतीश कुमार, शिवानंद तिवारी और अन्य को आरोपी बनाये जाने का अनुरोध किया था।

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