मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य वन्य प्राणी पर्षद् की हुई आठवीं बैठक में प्रदेश में वन्य प्राणी प्रक्षेत्र में विशेष उल्लेखनीय उपलब्धियों पर चर्चा की गयी। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित बैठक में मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक द्वारा राज्य में वन्य प्राणी प्रक्षेत्र में विशेष उल्लेखनीय उपलब्धि एवं पहल पर श्री कुमार के समक्ष विस्तृत पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया। इस दौरान पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मिकी टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 35 होने की जानकारी दी गयी। वन्य प्राणी आश्रयी योजना, वन्य जीव केंद्र की स्थापना की चर्चा की गई। 

बैठक में कावरताल पक्षी आश्रयणी के घोषित क्षेत्र के पुनर्निधारण कुशेश्वर स्थान आर्द्र भूमि एवं वन्य प्राणी संरक्षण के विकास के तहत गंडक नदी के विशेष संरक्षण के लिए प्रतिरक्षात्मक कार्रवाई, मानव वन्य जंतु द्वंद्व के लिए मुआवजा, वन्य जंतु से फसल क्षति के तहत किसानों को समय पर क्षतिपूर्ति अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग दर पर चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे कैमूर जिले में स्थित प्रसिद्ध मुंडेश्वरी मंदिर के लिए रोप-वे का निर्माण, वन्य प्राणी आश्रयणियों के बारे में चर्चा की गई। बैठक के दौरान राज्य में नील गाय (घोड़ परास) की तबाही से किसानों को हो रही परेशानी के लिए महाराष्ट्र के पैटर्न पर शूटरों को बुलाकर शूट करने की योजना पर भी विचार किया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजगीर में शीतल कुंड गुरुद्वारा के जीर्णोद्धार एवं विस्तार के लिए कार्रवाई का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। उन्होंने ने राज्य वन्य प्राणी पर्षद की नियमित बैठक कराने का भी सुझाव दिया।  मुख्यमंत्री के अलावा बैठक में विधान पार्षद सह वन्य प्राणी पर्षद के सदस्य नीरज कुमार,  विधायक मनीष कुमार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार, मुख्य वन संरक्षक डी0के0 शुक्ला, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित वन्य प्राणी पर्षद के सभी गणमान्य सदस्य एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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