बिहार के दो निशक्त खिलाड़ियों- अनुराग चन्द्र और संतोष मिश्रा भारत की नुमाइंदगी करके चर्चा में रह चुके हैं लेकिन वह इस बार एक नया विश्व कीर्तिमान बनाने निकल पड़े हैं.

विश्व रिकार्ड बनाने निकल पड़े हैं अनुराग और संतोष
विश्व रिकार्ड बनाने निकल पड़े हैं अनुराग और संतोष

अनूप नारायण सिंह

दोनों खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. दिल्ली से लेह का सफर 1267 किलोमीटर का है. यह सफर अनुराग चंद्र ट्राई साईकल और संतोष साईकल से तय करेंगे. ये दोनों अगर अपना सफर सफलता पूर्वक पूरा तय कर लेते हैं तो यह एक विश्व रिकॉर्ड होगा.

सरकारों ने नहीं की मदद

अभी तक यह रिकॉर्ड नेपाल के एक विकलांग खिलाड़ी के नाम है जिसने 450 किलोमीटर का सफर तय कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है.कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके अनुराग ने इस नए सफर के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि मुझे एडवेंचर का बहुत शौक है इसलिए मैं इस सफर पर निकला हूं. दोनों पैरों से विकलांग अनुराग ने बिहार सरकार से गोलघर (पटना) के ऊपर से रस्सी जम्प लगाने की अनुमति मांगी थी मगर सरकार ने इससे इनकार कर दिया था।संतोष कुमार मिश्रा विकलांग वॉलीबाल वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से खेल चुके हैं। संतोष बताते हैं, “हिम्मत और प्रेरणा समान्य लोगों से मिली है। जब वे पहाड़ की उचाई पर चढ़ सकते हैं तो हम क्यों नहीं? हम इस बार नया रिकॉर्ड ज़रूर बनाएंगे।

डा रहमान की अहम भूमिका

अनुराग बताते हैं कि मैंने पटना के डीएम, बिहार सरकार, भारत सरकार सबको पत्र लिख मदद मांगी मगर किसी भी सरकार ने मदद नहीं की। दिल्ली से लेह तक के बीच में आने वाले हर राज्य के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा कि हमारी सुरक्षा का इंतज़ाम किया जाए लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया। हमारे पास जाने तक के पैसे नहीं थे तब अदम्या अदिति गुरुकुल के निदेशक डॉक्टर एम रहमान ने हमारी मदद की। उनकी मदद के बिना हमारा जाना मुमकिन नहीं था। डॉक्टर एम रहमान बताते हैं, “हमारी संस्था ग़रीब बच्चों के लिए हमेशा आगे रहती है। चाहे वह लड़का या व्यक्ति शिक्षा से जुड़ा हो, खेल से जुड़ा हो या किसी दूसरे प्रोफेशन से हो। जब इन्होंने हमसे मदद मांगी को हमने बिना सोचे हां कर दी। 23 जून को यह साहसिक यात्रा नयी दिल्ली से लेह के लिए इंडिया गेट से निकली.

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