राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि राज्य में विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता का पूरा सम्मान करते हुए उन्हें अपने विकास कार्यक्रमों और नवाचारी योजनाओं को कार्यान्वित करने की पूरी आजादी दी जायेगी।


राज्यपाल-सह-कुलाधिपति श्री मलिक ने राजभवन सभागार में आयोजित कुलसचिवों की एक-दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में अपने सुधार-प्रयासों को सफल बनाते हुए हमें शिक्षा क्षेत्र में बिहार के पुराने गौरव को फिर से स्थापित करना है। उच्च शिक्षा के विकास के लिए पारदर्शिता,  ईमानदारी और पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अगर हम प्रयास जारी रखते हैं तो कोई कारण नहीं कि हम अपने इरादे को मूर्त रूप दे पाने में सफल नहीं हो पाएँ।
श्री मलिक ने कहा कि राज्य में विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता का पूरा सम्मान करते हुए उन्हें अपने विकास कार्यक्रमों और नवाचारी योजनाओं को कार्यान्वित करने की पूरी आजादी होगी। उन्होंने कहा कि कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा-नियंत्रक -विश्वविद्यालय प्रशासन के महत्त्वपूर्ण अंग होते हैं। इन तीनों को समन्वयपूर्वक विश्वविद्यालय की विकास-योजनाओं को निश्चित समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु पूरी तरह संकल्पित होना चाहिए।

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