बिहार विधान सभा का बजट सत्र आगामी 11 मार्च से शुरू हो रहा है। इस दिन राज्‍यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सरकार के प्रति विश्‍वास का प्रस्‍ताव सदन में रखेंगे। उसे ध्‍वनिमत से पारित हो जाने की संभावना भी है।bihar-vidhan-sabha

बिहार ब्‍यूरो

 

नीतीश कुमार मंत्रिपरिषद को विधानसभा में 130 सदस्‍यों से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्‍त है। राजद, कांग्रेस, सीपीआई और एक निर्दलीय विधायकों को घोषित समर्थन जदयू को प्राप्‍त है। जदयू के निलंबित विधायक भी सरकार के खिलाफ मतदान करने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं। ह्वीप जारी के होने के बाद उन्‍हें पार्टी के निर्णय के साथ होना होगा। इसके बावजूद नीतीश कुमार का खेमा विश्‍वास मत के दौरान एक-एक वोट सरकार के पक्ष में पड़ने के लिए दिन-रात जुटा हुआ है।

 

बंट रहा आश्‍वासन

नीतीश कुमार के सरकारी आवास सात सर्कुलर रोड में पार्टी के नीतिकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। नीतीश कुमार ने पुराने सभी मंत्रियों को फिर से मंत्री बनाकर उन्‍हें संतुष्‍ट करने का प्रयास किया। लेकिन सरकार बदलने के बाद नये सरकार में शामिल होने के लिए कई विधायकों ने मंसूबा पाल रखा था। उन्‍हें निराशा ही हाथ लगी। उन्‍हें भरोसा दिलाया जा रहा है कि बजट सत्र के बाद मंत्रिपरिषद के विस्‍तार में उन्‍हें मौका मिल सकता है। फिर सरकार में लगभग पक्‍की भागीदारी के बावजूद सरकार बनाने के मौके पर राजद को अलग कर देने का मलाल राजद नेताओं को है। इसको लेकर भी पार्टी के अंदर असंतोष है। कांग्रेस को भी अभी सत्‍ता में कोई भागीदारी नहीं दी गयी है। यानी अविश्‍वास का माहौल हर सत्‍तारूढ व सहयोगी सभी पार्टी में व्‍याप्‍त है। वैसे माहौल में विश्‍वास प्रस्‍ताव पर ग्रहण न लग जाए, इसके लिए जदयू आश्‍वासनों का पिटारा खोल रखा है। लेकिन आश्‍वासनों को नीतीश कुमार कितना यथार्थ में बदल पाएंगे, यह समय बताएगा। लेकिन फिलहाल आश्‍वासनों के भरोसे सरकार समर्थकों को बांधने का पूरा प्रयास कर रही है।

By Editor