एनडीए की संकल्प रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोट बाजार को दुधारू बनाने का संकल्प दिला कर गांधी मैदान से दिल्ली लौट गये। अपने 38 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री सेना के शौर्य को नरेंद्र मोदी का ‘सामर्थ्य’ बताते रहे। कांग्रेस समेत सभी विपक्षियों के सवाल उठाने पर भी पीएम ने सवाल उठाया। बिहार में विकास कार्यों के लिए नीतीश कुमार-सुशील मोदी की जोड़ी को श्रेय देते रहे। केंद्र सरकार की उपलब्धियों को भी बताया और सवर्ण वोटों का समाजशास्त्र भी समझाया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में उन सभी मुद्दों पर फोकस किया, जिससे वोट बाजार में भाजपाई ‘प्रोडक्ट’ की स्वीकार्यता बढ़ सके। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान काफी देर तक बारिश होती रही। हम बारिश में भिंगते हुए पीएम का भाषण रिकार्ड करते रहे, लेकिन जब भाषण से उब होने लगी तो मोबाइल पॉकेट में रखकर बारिश से बचने की कोशिश की। तब तक बारिश भी कम हो गयी थी।

 वीरेंद्र यादव

प्रधानमंत्री ने 1.07 मिनट पर भाषण शुरू किया था और 1.45 बजे अपना संबोधन समाप्त किया। ‘भारत माता’ के जयकारे के साथ संबोधन की शुरुआत की और समापन भी। बिहारी बोली में भी कुछ पंक्तियों का उच्चारण किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब 22 मिनट के अपने संबोधन में केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। सीएम के भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी ने 9 बार ताली बजायी। इसके विपरीत बिहार भाजपा के फेस सुशील मोदी ने अपने भाषण को केंद्र सरकार की उपलब्धियों तक सीमित रखा। ‘लोकप्रिय मुख्यमंत्री’ के अलावा नीतीश सरकार के कार्यों की संभवत: उन्होंने कोई चर्चा नहीं की।

प्रधानमंत्री का सान्निध्य प्राप्त करने के लिए कुर्सी की भी खूब अदला-बदली हुई। जब रामविलास पासवान भाषण दे रहे थे तो सुशील मोदी केंद्रीय मंत्री पासवान की कुर्सी पर बैठकर प्रधानमंत्री से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान सीएम असहज से दिख रहे थे। जब नीतीश भाषण दे रहे थे, तब चिराग पासवान को रामविलास ने बुलाकर सीएम की कुर्सी पर बिठाया। यानी पीएम के बगल में लगी सीएम की कुर्सी पर चिराग बैठे। कुछ मिनट तक पीएम के साथ दोनों बाप-बेटा बातचीत करते रहे। इस दौरान पीएम भी ‘पासवान प्रताड़ना’ से आहत दिख रहे थे। रामविलास पासवान ने बिहार सरकार में मंत्री अपने भाई पशुपति पारस का भी पीएम से परिचय कराया। हालांकि पारस सीएम की तय कुर्सी पर बैठने के बजाये पीएम को अभिवादन करके अपनी जगह पर चले गये।

मंच पर प्रधानमंत्री की उपस्थिति के दौरान भाजपा के बिहार प्रभारी और सांसद भूपेंद्र यादव परेशान से दिख रहे थे और कई बार आकर प्रधानमंत्री से बातचीत की। मंच का संचालन पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और प्रधानमंत्री के आने पर प्रदेश अध्यक्ष नित्यानदं राय ने किया। प्रधानमंत्री के मंच पर केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों के अलावा तीनों पार्टियों प्रदेश अध्यक्ष और कुछ सांसद भी बैठे हुए थे। जबकि दूसरे मंच पर तीनों दलों के सांसद, विधायक और वरिष्ठ नेता मौजूद थे। श्रोताओं की भीड़ में दर्शक दीर्घा में भाजपा वाले ही दिख रहे थे। भाजपा की ही टोपी और गमछी दिख रही थी। इस संबंध बातचीत में बताया गया कि भाजपा ने कार्यकर्ताओं के लिए भी पास जारी किये थे ताकि वे मंच तक आसानी से पहुंच सकें। इस काम में जदयू और लोजपा पिछड़ गयी थी। इसलिए भीड़ भाजपा की दिख रही थी।
प्रधानमंत्री दोहपर 12.15 बजे गांधी मैदान में आये थे और करीब डेढ़ घंटा ठहरने के बाद 1.51 पर गांधी मैदान से प्रस्थान कर चुके थे। प्रधानमंत्री के पटना प्रवास के दौरान गांधी मैदान समेत पूरे पटना में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी थी। इसके बावजूद एक युवक प्रेस दीर्घा में प्रवेश कर प्रधानमंत्री को काला झंडा दिखाने में सफल रहा। हालांकि भाजपा के कार्यकर्ताओं के सहयोग से पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
रैली में भीड़ को लेकर कयास भी खूब लगाये जा रहे थे। मीडिया दीर्घा में भी इस पर खूब चर्चा हो रही थी। भीड़ को लेकर हर पत्रकार का अपना ‘चश्मा’ था। इसी क्रम में एक पूर्व विधायक ने बताया कि रैली के लिए पार्टी की ओर से कोई आर्थिक सहयोग नहीं मिला। विधायक या विधायक के उम्मीदवार और लोकसभा के संभावित दावेदारों ने भी अपनी ताकत लगायी। कुल मिलाकर संकल्प रैली में नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प दिलाया गया। इसके साथ बिहार में एनडीए का औपचारिक चुनाव प्रचार शुरू हो गया।

By Editor