पिछले दिनों केरल में बाल मत्यु दर को सोमालिया से भी खतरनाक बताने पर पीएम मोदी की भारी आलोचना के बाद अब उसी मामले में अमित शाह घिर गये हैं.outlook

शाह ने आउटलुक पत्रिका की एक फोटो को दिखा कर मोदी के पक्ष को मजबूत करने की कोशिश की थी लेकिन अब एक वेबसाइट ने दावा किया है कि वह फोटो श्रीलंका की है.
शनिवार को बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने तिरुअनंपुरम में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके पीएम के बयान का बचाव किया। उन्‍होंने आउटलुक मैगजीन की एक कॉपी भी लहराई। जुलाई 2013 की तारीख वाली इस मैगजीन की कवर स्‍टोरी कुपोषण की वजह से केरल के अट्टापेडी में आदिवासी समुदाय के बच्‍चों की मौत से जुड़ी थी।

अब एक न्‍यूज वेबवाइट नराडा ने खबर दी है कि आउटलुक के कवर पर छपी फोटो केरल की नहीं, बल्‍क‍ि श्रीलंका की है। फोटो में एक महिला एक कुपोषित बच्‍चे को पकड़े नजर आती है। यह फोटोग्राफ कथित तौर पर 2009 में अमेरिकी स्‍टेट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में छपी थी। रिपोर्ट का शीर्षक था- Incidents during the Recent Conflicts in Sri Lanka

गौरतलब है कि अमित शाह ने यह फोटो दिखा कर नरेंद्र मोदी का बचाओ करना चाहते थे. दर असल मोदी ने केरल के एक चुनावी सभी में कहा था कि केरल में बाल मृत्युदर सोमालिया से भी ज्यादा है. इसके बाद सोशल मीडिया पर मोदी की भारी आलोचना की गयी थी. यहां तक की सीएम ओमान चंडी ने कहा था कि मोदी का बयान अधारहीन है.

लेकिन बाद में अमित शाह ने मोदी को पक्ष को मजबूत करने की कोशिश की और तीन वर्ष पुरानी पत्रिका का हवाला दिया. लेकिन इस मामले में इंडियन एक्‍सप्रेस ने अमेरिकी रिपोर्ट की कॉपी हासिल की है जिसमें उसका कहना है कि इसमें पेज नंबर 64 पर आउटलुक वाली फोटो छपी है। इस फोटो का कैप्‍शन है- छह मई को एक कुपोषित बच्‍चे की NFZ में ली गई फोटो। कथित तौर पर यह फोटो श्रीलंका के वन्‍नी में 2009 में खीचीं गई थी।

इस मामले में अगर सच्चाई है तो आउटलुक भी फंस सकता है क्योंकि 2013 के आउटलुक मैगजीन के कवर पेज पर कैप्‍शन है-अट्टापडी के कैंप में तीन महीने का नवजात बच्‍चा, जो गुजर गया। अगर नराडा की रिपोर्ट सही है तो बीजेपी तो इस मामले में फंसेगी ही इसके अलावा इस मामले में आउटलुक की विश्वसनीयता भी दांव पर लग गयी है.

By Editor