मोदी की बस्तर रैली के दौरान कमीज और धूप का चश्मा पहन कर हाथ मिलाने  पर सरकारी नोटिश मिलने के बाद  जिलाधिकारी अमित कटारिया ने इस मसले पर अपनी सफाई दी है।amit-kataria

उन्होंने कहा है कि रैली के दिन 40°C तापमान था और वह इतनी गर्मी में बंद गले का सूट नहीं पहन सकते। कटारिया ने सफाई देते हुए सीनियर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को व्हॉट्सऐप पर मेसेज भेजा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया  की अनुजा जायसवाल ने लिखा है कि कटारिया ने अपने सीनियर आईएएस-आईपीएस अफसरों के व्हट्सऐप ग्रूप में मैसेज दिया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि कटारिया ने मेसेज में लिखा, ‘मई में बस्तर का तापमान बेहद गर्म होकर 40 डिग्री पर पहुंच जाता है। सभी इंतजाम करते हुए घंटों बंद गले का सूट पहनना व्यवहारिक नहीं है। हालांकि, मैं पूरी तरह फॉर्मल ड्रेस में ही था, ब्लू शर्ट, ब्लैक ट्राउजर्स, ब्लैक लेदर शू (टी-शर्ट या चप्पल नहीं)।’

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टाइम्स ऑफ इंडिया से उन्होंने ऐसे किसी मेसेज के भेजने की बात से इनकार किया। लेकिन इसी व्हॉट्सऐप ग्रुप के एक मेंबर अधिकारी ने कटारिया के मैसेज की पुष्टि की।

इससे पहले बस्तर के डीएम अमित कटारिया को प्रधानमंत्री की रैली के दौरान उनके ‘पहनावे’ के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने उन्हें चेतावनी देते हुए भविष्य में ऐसा न करने की नसीहत दी थी।

कटारिया का कहना है कि जब वह पीएम मोदी से मिले तो उनका व्यवहार काफी स्नेह भरा और औपचारिक रहा. उन्होंने मुझे हेलो कहा लेकिन दबंग डीएम जैसी कोई टिप्पणी नहीं की. कटारिया ने कहा कि लोकल न्यूज पेपर्स ने दबंग शब्द  खुद ही उपयोग किया. कटारिया ने कहा कि सीएम, सीएस और राज्यपाल सर्किट हाउस से निकले और उन्होंने पीएम की अगवानी की लेकिन मैं घंटों चालीस डिग्री तापमान में उनके लिए इंतजाम में लगा रहा. गर्मी से हाल बेहाल था. मैं पसीने से भींग रहा ता. मेरी आंखें गर्मी से जलन महसूस कर रही थीं इसलिए मैंने चश्मा लगा लिया. मेरा कोट कार में था.

गौरतलब है कि रमण सिंह सरकार में सामान्य प्रशासन विभाग ने औपचारिक ड्रेस नहीं पहनने पर कटारिया को वारनिंग थी दी और आइंदा औपचारिक ड्रेस में रहने की हिदायत दी.

 

 

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