पांच करोड़ की बेशकीमती माणिक की अंगूठी

-मुंबई में अंगूठी बेचने का किया था प्रयास, मुख्य आरोपित पाटलिपुत्र स्टेशन से पकड़ा गया, एसएसपी के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने पकड़ा
पटना.

पांच करोड़ की बेशकीमती माणिक की अंगूठी

आखिरकार पांच करोड़ की बेशकिमती अंगूठी पटना पुलिस ने बरामद कर ही लिया. कोतवाली थाने के नागेश्वर कॉलोनी के जस्टिस नारायण पथ में पूर्नोदय अपार्टमेंट निवासी आइसीआइसीआइ बैंक के सेवानिवृत्त मैनेजर बबन चौबे से 26 मार्च को बेशकीमती माणिक की अंगूठी छीन कर भागने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित मो वशीर अहमद (समनपुरा) को गिरफ्तार कर लिया है. इसे पाटलिपुत्र स्टेशन के पास से शनिवार को पकड़ा गया. यह पहले मुंबई में अंगूठी बेचने गया था. अंगूठी की कीमत 25 करोड़ रुपये मुंबई में लगी थी, लेकिन कोई रसीद नहीं होने से नहीं बिक सकी थी. वशीर अब अंगूठी को बिहार में ही बेचने के फिराक में था, लेकिन पकड़ा गया. पुलिस ने उसके पास से माणिक की अंगूठी बरामद कर ली है. अंगूठी छीनने की घटना को दिनदहाड़े अंजाम दिया गया था. इन लोगों ने जिस वैन से घटना को अंजाम दिया था, उस वैन को पुलिस पहले ही बरामद कर चुकी है और उसके चालक मो अली को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस मो अली से मिली जानकारी के आधार पर ही छापेमारी कर रही थी. घटना को अंजाम देकर यह बिहार में इधर-उधर भागता फिर रहा था. इस दौरान इसने कई जगहों पर अंगूठी को 25 करोड़ में बेचने की भी कोशिश की, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. फिलहाल इस मामले का मास्टरमाइंड मुश्ताक अभी भी फरार है.
सीसीटीवी कैमरे में आयी थी तसवीर
26 मार्च को मुश्ताक, वशीर व अन्य एक लाल रंग की मारुति कार से आये थे और सभी बबन चौबे के फ्लैट में पहुंचे और मात्र 15 मिनट के अंदर ही घटना को अंजाम देकर निकल गये. माणिक की अंगूठी उनके परिचित व उत्पाद विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलकांत सिंह की थी. मुश्ताक, वशीर व अन्य के पूर्नोदय अपार्टमेंट में प्रवेश करने की सारी तसवीर बगल में स्थित पीटर विला गर्ल्स हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरे में आयी थी. वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा था कि मुश्ताक अपने साथियों के साथ अपार्टमेंट के अंदर प्रवेश कर रहा है और फिर कुछ ही समय बाद वे सभी दौड़ते हुए अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे हैं. साथ ही लाल रंग की मारुति कार में बैठ कर फरार हो रहे हैं.
अंगूठी के मालिक बहुत खुश
कुलकांत सिंह ने बताया कि उन्होंने अंगूठी काे वर्ष 1998 में कोलकाता के एक लैब में परख करायी थी. जिसमें अंगूठी 16 रत्ती की निकली और उस समय इसकी कीमत पांच करोड़ थी. उन्होंने पटना पुलिस को धन्यवाद बोला और कहा कि मुझे विश्वास था कि अंगूठी बरामद होगी और वापस मेरे पास आयेगी.

By Editor