सरकार ने सर्व-शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता में रियायत दिये जाने की मांग को मंजूर कर लिया है.

न्यूनतम योग्यताओं में रियायत का अनुरोध इसलिए किया गया है, क्योंकि नि‍शुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम-2009 संबंधी बच्चों के अधिकार के अधीन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता के शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं.

असम, मणिपुर, मेघायलय, नगालैंड, त्रिपुरा, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने यह मांग रखी थी.

इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने 12वीं योजना के दौरान देश में अध्यापक शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए 6,300 करोड़ रूपए से अधिक राशि की परियोजना को मंजूरी दी है. संशोधित योजना के मुख्य अवयव हैं:- शिक्षा और प्रशिक्षण संबंधी नए जिला संस्थानों (डीआईईटी), अध्यापक शिक्षा कॉलेजों (सीटीई) और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नत अध्ययन की संस्थाओं (आईएएसई) के गठन के साथ-साथ मौजूदा डीआईईटी, सीटीई और आईएएसई को मजबूत करना शामिल हैं.

इस योजना के अधीन 196 चिन्हित अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति /अल्पसंख्यक बहुल जिलों तथा सेवा-पूर्व प्राथमिक अध्यापक शिक्षा संस्थानों में खंड स्तर पर अध्यापक शिक्षा संस्थाओं (बीआईटीई) की स्थापना भी शामिल हैं.

इसके अलावा, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने उपरोक्त राज्य सरकारों को सेवारत 5 लाख से अधिक अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण की भी अनुमति दी है.

इस बीच केंद सरकार ने बच्चोंक के नि‍शुल्कम और अनिवार्य शिक्षा प्राप्तत करने संबंधी अधि‍कार अधिनियम-2009 के तहत नि‍र्धारि‍त छात्र-शि‍क्षक अनुपात सुनि‍श्चि‍‍त करने के लि‍ए राज्यय सरकारों और संघशासि‍त प्रदशों से शि‍क्षकों की भर्ती के काम में तेजी लाने, साथ ही वर्तमान शि‍क्षकों की पुन: तैनाती करने को कहा है सर्वशि‍क्षा अभि‍यान के तहत राज्योंन/संघशासि‍त प्रदेशों के लि‍ए 19.82 लाख शि‍क्षक मंजूर कि‍ए गए हैं. दि‍संबर, 2012 तक इनमें से 12.86 लाख शि‍क्षक की भर्ती की जा चुकी थी। आंध्र प्रदेश सरकार ने अब तक 38,319 शि‍क्षको की भर्ती की है जबकि‍ सर्वशि‍क्षा अभि‍यान के तहत 39,189 शि‍क्षकों की उसे मंजूरी दी गई है।

By Editor