नीतीश कुमार का विरोध करने के बाद  जदयू से निलंबित सांसद अली अनवर ने नौकरशाही डॉट कॉम को दिये साक्षात्कार में कहा है कि वह राक्षसी शक्ति के खिलाफ हिरावल दस्ता बना रहे हैं. पढ़िये उनकी नजर में कौन है राक्षसी शक्ति. उनसे दिल्ली में बात की मोहम्मद जीशान ने.

स. पहली बार आप राज्यसभा सांसद एनडीए गठबंधन के दौर में बने तो इस बार गठबंधन में बने रहने में क्या दिक्कत पेश आई आपको?

ज. उस समय मैं नीतीश जी के साथ था, लेकिन पार्टी में कुछ नहीं था।उन्होंने मुझे सीधे राज्यसभा भेजा दिया, लेकिन मैं अपने वैचारिक स्टैंड पर हमेशा खड़ा रहा। पिछले विधानसभ चुनाव के समय हमने महागठबंधन की अगुवाईकी और आज भी मैं एनडीए सरकार के खिलाफ चलने की अगुवाई कर रहा हूं। 2014 आमचुनाव के समय और बाद में बिहार के जितने स्थापित मुस्लिम नेता बीजेपी के साथ गए मैं उनमें से नहीं हूं। एक मुस्लिम और पसमांदा होने के नाते मैं आज भी अपनी स्टैंड पर बना हुआ हूं।

स. क्या आप यह नहीं देख रहे हैं कि राष्ट्रीय राजनीति में आपके हाथ से एक बड़ा प्लेटफार्म छूट रहा है?

ज. ऐसी बात बिल्कुल नहीं है, बल्कि आज पूरे देश भर में हमें समर्थन हासिल हो रहा है और मैं जहां भी जा रहा हूं लोग हमसे जुड़ रहे है। मेरी

कोशिश हिरावल दस्ता बनाने की है तभी हम सामने खड़ी सम्प्रदायिक ताकत का सामना कर सकते हैं। अभी हमें संकीर्ण मानसिकता अपनाने की जरूरत नहीं है, नहीं तो हम इस राक्षसी ताकत का मुकाबला नहीं कर पायेंगे। आज हमारे सामने लोकतंत्र और संविधान की हिफाजत करने की आवश्यकता है अगर यही नहीं बचेगा तो हिंदुस्तान ही नहीं बचेगा।

स. शरद यादव ने अपना स्टैंड क्लियर करने में इतना समय क्यों ले लिया?

ज. शरद जी बड़े नेता हैं और हर व्यक्ति की अपनी शैली और अपना अंदाज है। उन्हें किसी भी संदेह की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए। शुरू से वो और मैं एक साथ हूं और एक सिद्धांत पर कायम हूं।

स. जदयू ने बगी नेताओं पर आखिर कार्रवाई कर ही डाली?

ज. पार्टी ने जो भी कार्रवाई की है हम दोनों ने इसकी निंदा की हैं, साथ ही देशभर में लोगों में इसके प्रति रोष है। 19 अगस्त को होने वाली मीटिंग में मैं अपनी बात रखता, लेकिन अब मैं इस मीटिंग से बाहर हूं। फिर भी हमारी जो बात है हम मीडिया के लोगों के सामने रखेंगे।( नोट जदयू ने पहले आमंत्रित किया था पर बाद में आमंत्रण वापस ले लिया)

स. बिहार में अभी राजनीतिक यात्राओं का दौर चल रहा है, क्या आप का भी कुछ प्लान है?

ज. बिहार तो हमारा घर है, वहां तो जाना ही है। लेकिन दिल्ली में रहकर भी मैं सबसे जुड़ा हुआ हूं। दस राज्यों में मेरा पसमांदा महाज का काम चल रहा है उसे भी देख रहा हूं और बिहार के हर घर और मुहल्ले से मैं जुड़ा हुआ हूं।

स. पसमांदा मूवमेंट को आपके इस कदम से होने वाली नुकसान को आपने सोचा है ?

ज. पसमांदा मूवमेंट आज भी अपनी जगह कायम है लेकिन हमारा मकसद नफरत फैलाना और किसी का गाली देना कभी नहीं रहा है बल्कि हमारी कोशिश रही है कि विभिन्न धर्मों में जो भी मसमांदा है उन्हें साथ लेकर चले और इनके जरिये हमारे सामने जो कट्टरता, सम्प्रदायिकता और नफरत की राजनीति हो रही है उसे रोकें।

स. यहां से आगे की स्वयं की राजनीतिक भविष्य आप क्या देखते हैं?

ज. जनता के जदयू तो हम ही लोग हैं। अब तो वो सरकरी जदयू हो गया है और उसका नाम अब बीजेडीयू पड़ गया है। लेकिल महागठबंधन शरद जी और मेरे नेतृत्व में आज भी कायम है। देशभर से अठारह पार्टियों के साथ सोनिया गांधी की नेतृत्व में हमने मीटिंग की और सभी ने एक बने रहने की अपील की, तो ऐसे में भविष्य की चिंता की कोई बात ही नहीं है।

स. तेजस्वी इस सारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच बिहार का एक उभरता हुआ राजनीतिज्ञ चेहरा बनता दिखाई दे रहा है, आप इसे कैसे देखते हैं?

ज. महागठबंधन की सरकार में जब तेजस्वी उपमुख्यमंत्री बनाये गए तो कई लोग उनका मजाक उड़ाया, लेकिन इस राजनीतिक घटनाक्रम में उस युवा ने खुद की काबिलियत को साबित किया है। इसलिए हमलोगों की भी कोशिश है कि आज के नौजवानों को ज्यादा से ज्यादा मौका दें। बीजेपी सरकार बेरोजगारों की फौज खड़ा कर रही है और हमलोग नौजवानों की फौज खड़ा करेंगे।

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