सीआरपीएफ दुनिया का ऐसा पहला अर्धसैनिक बल है, जिसके पास अब अपना महिला बैंड है। इसके प्लाटून में 30 सदस्य हैं।amarujala

यशलोक सिंह, गुड़गांव से

महिला बैंड की प्लाटून कमांडर की भूमिका हरियाणा के जींद जिले की सीआरपीएफ सब-इंस्पेक्टर दर्शना कुमारी संभाल रही हैं।

सीआरपीएफ के महिला बैंड को ‘ऑल वूमन पाइप बैंड’ का नाम दिया गया है।


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इसकी प्लाटून कमांडर ने बताया कि कई देशों से सीआरपीएफ के पास बैंड को भेजने का ऑफर भी आ चुका है, जबकि उनकी यह पहली प्रस्तुति है।दर्शना ने ‘अमर उजाला’ को बताया कि मात्र एक वर्ष की तैयारी में इस बैंड प्लाटून को गठित किया गया है।

बैंड को खड़ा करने में रिटायर्ड मेजर नाजिर हुसैन, सिहाब पीपी, जी. लांजर और अर्जुन थापा की महत्वपूर्ण भूमिका है। इंस्ट्रक्टर सिहाब पीपी ने बताया कि बैंड में दो वाद्ययंत्रों को शामिल किया गया है।

इसमें बैक पाइप और दो प्रकार के ड्रम का प्रयोग किया जाता है। जब बैंड ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ की धुन निकलाता है तो हर जवान का शौर्य और देशभक्ति उसकी आंखों में झलकने लगती है।

दर्शना ने बताया कि उन्हें संगीत का शौक पहले से ही था। जो बैंड के माध्यम से अपने मुकाम तक पहुंच गया।

उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ में आकर उनकी देशभक्ति के जज्बे को सम्मान मिला है और बैंड के माध्यम से संगीत का शौक पूरा हुआ।

बैंड प्लाटून में शामिल कांस्टेबल हरिकृष्णा, राजवंती और विभा ने कहा कि उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है।

उल्लेखनीय है कि पाइप बैंड प्लाटून को तैयार करने के लिए ऐसी महिला जवानों की तलाश की गई जिन्हें म्यूजिक का शौक था।

इसके बाद उनका प्रशिक्षण शुरू हुआ। तीन महीने में उन्हें म्यूजिक नोटिफिकेशन, ड्रिल सहित रिद्म और इंस्ट्रूमेंट के बारे में जानकारी दी गई।

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