सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को आज दिल्ली हाई कोर्ट ने राहत दी है. कोर्ट ने आज उनकी सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग पर सुनवाई करते हुए कहा कि 29 अक्तूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी और तबत क राकेश अस्थाना की गिरफ्तारी नहीं होगी. कोर्ट ने इस मामले में तमाम सबूतों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है. 

नौकरशाही डेस्क

मालूम हो कि 15 अक्टूबर को राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज की गई FIR भ्रष्टाचार-रोधी कानून के एक ऐसे पहलू पर आधारित है, जिसका अब अस्तित्व ही नहीं है. जांच एजेंसी द्वारा रिश्वत कांड में प्रमुख अभियुक्त बनाए गए राकेश अस्थाना ने इसी आधार पर अपने खिलाफ की गई FIR को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर सुनावई का दौरान कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए 29 अक्टूबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.

राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम 13 (1) डी के तहत केस दर्ज किया गया है, जबकि कानून का यह हिस्सा उस समय निरस्त हो गया था, जब जुलाई में इस कानून में संशोधन किया गया था. किसी को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करने वाले सरकारी नौकरों के खिलाफ इस क्लॉज़ का इस्तेमाल लगातार होता रहा है.

हालांकि सीबीआई ने घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किये गए अपने एक डीएसपी देवेंद्र कुमार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया. कोर्ट ने उन्हें सात की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है. इस मामले में जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर भी आरोप लग रहे हैं. विशेष सीबीआई न्यायाधीश संतोष स्नेही मान की अदालत में कुमार की 10 दिन की हिरासत मांगते हुए जांच एजेंसी ने कहा कि उनके घर और कार्यालय पर छापे के दौरान संदिग्ध दस्तावेज और साक्ष्य मिले थे. इसमें दावा किया गया कि कुमार जांच की आड़ में वसूली करने वाले गिरोह का हिस्सा थे.

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