राजद नेता मो. शहाबुद्दीन की को पटना हाईकोर्ट  से राहत नहीं मिली है. सीवान एसिड अटैक मामले में कोर्ट ने उनकी उम्र कैद की सजा बरकरार रखी है। इस केस में मो. शहाबुद्दीन के साथ तीन और लोग दोषी हैं. बता दें कि मो. शहाबुद्दीन ने सीवान की स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

नौकरशाही डेस्‍क

सीवान एसिड अटैक मामले में हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 30 जून 2017 को ही सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले सीवान की स्पेशल कोर्ट ने 11 दिसंबर 2015 को शहाबुद्दीन के साथ राजकुमार साह, मुन्ना मियां एवं शेख असलम को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी. फिलहाल वे तिहाड़ जेल, दिल्‍ली में हैं।

उल्‍लेखनीय है कि 16 अगस्त 2004 को व्यवसायी चंदा बाबू भूमि विवाद के निपटारे को लेकर पंचायत गए थे, जहां  विवाद बढ़ने के बाद मारपीट हो गई. उसी दिन शहर की दो अलग-अलग दुकानों से चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो पुत्रों गिरीश राज उर्फ निक्कू व सतीश राज उर्फ सोनू का अपहरण कर तेजाब डाल उनकी हत्या कर दी गई, जिसका आरोप शहाबुद्दीन के अलावा गिरीश और सतीश पर लगा था.

 

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