सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह असेम्बली और संसद सदस्यों के खिलाफ चलने वाले क्रिमिनल चार्जेज की सुनवाई के लिए गठन किये जाने वाले 12 विशेष न्यायालयों के लिए फंड मुहैया करे. अदालत ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ये अदालतें मार्च 2018 से काम करने लगें.

सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि जहां भी इस कोर्ट के गठन करने का आदेश दिया गया है वहां की राज्य सरकारें अपने क्षेत्र के हाईकोर्ट से सम्पर्क करके इन अदालतों को 1 मार्च 2018 से शुरू कर दें.

गौरतलब है कि देश भर में संसद और असेम्बली सदस्यों के खिलाफ 1581 केस दर्ज हैं. ये आंकड़े 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान खुद इन नेताओं ने घोषित कर रखे हैं.

इससे पहले अदालत ने चुने हुए नुमाइंदों के खिलाफ क्रिमिनल कोर्ट के गठन करने को कहा.

इस केस की सुनवाई आइंदा भी जारी रहेगी. यह फैसला  जस्टिस रंजन गगोई और नवीन सिन्हा की खंडपीठ ने दिया है.

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