पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव को ज्ञापन देकर पिछले एक साल से पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बिहार के सबसे बड़े मॉल के निर्माण की शिकायत की है. साथ ही केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय से उन्होंने नियमों के उल्लंघन के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज कर मॉल के निर्माण को रोकवाने व दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है.

नौकरशाही डेस्‍क

सुमोने ज्ञापन के जरिए कहा है कि उपमुख्यमंत्री के बड़े भाई तेजप्रताप यादव के वन मंत्री होने के कारण राज्य सरकार प्राथमिकी दर्ज कर निर्माण रोकवाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है. राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकार (सीया) प्राथमिकी दर्ज कर निर्माण रोकवाने में विफल रहा है. ऐसे में केन्द्रीय प्राधिकार सार्थक हस्तक्षेप कर कार्रवाई करें. उन्होंने कहा है कि 750 करोड़ की लागत से 7.66 लाख वर्गफुट के विषाल मॉल के निर्माण की अनुमति राज्य प्राधिकार से नहीं ली गई है, जबकि 2 लाख वर्गफुट से अधिक के निर्माण के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस लेना अनिवार्य है.

सुमो ने मॉल का निर्माण में पिछले एक साल से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा राज्य पर्यावरण प्राधिकार के चेयरमैन रमेष चन्द सिन्हा की मिलीभगत से किया जा रहा है. वो इसलिए कि लालू प्रसाद ने 10 साल तक उन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष बना कर रखा था. अब नियम का उल्लंधन होने के बाद राज्य प्राधिकार को पर्यावरण क्लीयरेंस देने का अधिकार नहीं है. उन्‍होंने ये भी कहा कि छोटे भाई उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मॉल के अवैध निर्माण को बड़े भाई वन मंत्री तेज प्रताप यादव का संरक्षण मिला हुआ है।

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