सन् 2010 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर को चुनावी शिकस्त दे कर अचानक सुर्खियों में आये विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन को राष्ट्रीय जनता दल ने  नयी जिम्मेदारी सौंपी.  शाहीन के बारे में  और जानिये.

नौकरशाही ब्यूरो

 

अख्तरुल इस्लाम शाहीन: संघर्षों से पायी पहचान

 

ऐसे समय में जब राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद पर ,  मीडिया का एक हिस्सा मर्यादा को लांग कर हमला करने लगा है, पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं की नयी टीम बनायी है. पुरानी टीम जिस नये चेहरे को शामिल किया गया है उनमें अख्तरुल इस्लाम शाहीन हैं. शाहीन समस्तीपुर के तेज तर्रार नेता और सफल वक्ता के रूप में चर्चित हैं.  अब   उन्हें पार्टी के  पक्ष को मजबूती से मीडिया के सामने रखने की जिम्मेदारी सौंपी है.

अख्तरुल इस्लाम शाहीन आज उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां विख्यात समाजवादी नेता व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर चुनाव जीतते थे. कर्पूरी ठाकुर के बाद समस्तीपुर से उनके ही पुत्र रामनाथ ठाकुर लगातार चुनाव जीतते रहे. लेकिन कोई उन्हें हरा पाने का हौसला नहीं रखता था. लेकिन 2010 में अपने जुझारुपन का परिचय देते हुए शाहीन ने पार्टी आलाकमान को यह समझाने में सफल रहे कि रामनाथ ठाकुर को हराना है तो पार्टी को उन्हें मैदान में उतारना चाहिए. हुआ भी यही. पार्टी ने शाहीन पर दाव लगाया और उन्हों ने रामनाथ ठाकुर को धूल चटा दी. 2015 में शाहीन ने भाजपा की एक अन्य कद्दावर नेता रेणु कुशवाहा को हराया.

अख्तरुल इस्लाम शाहीन छात्र जीवन से ही सक्रिय राजनीति में कूद पड़े. यह 1993-94 का काल था. तब वह छात्र जनता दल से जुड़े. इतना ही नहीं जब राष्ट्रीय जनता दल वजूद में आया तो युवा राजद का उन्हें समस्तीपुर जिलाध्यक्ष बनाया गया. तब शाहीन की उम्र मात्र 21 वर्ष थी. शाहीन की काबलियत पर शुरू से ही खुद लालू प्रसाद को भरोसा रहा है.

प्रवकाता पद की जिम्मेदारी सौंपने जाने के बाद राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने इस बात को स्वीकार किया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने स्वंय शाहीन की योग्यता पर भरोसा जताते हुए प्रवक्ता बनाये जाने की सहमति दी है.

 

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