पांच दिन की चुप्पी के बाद  राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने सुशील मोदी द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि ‘गधा को पीट-पाट कर केतनो सोझा करो वह घोड़ा नहीं बन सकता’

पत्रकारों को संबोधित करने जाते हुए लालू
पत्रकारों को संबोधित करने जाते हुए लालू

.नौकरशाही ब्यूरो

लालू ने पांच दिनों की चुप्पी के बाद खुद पर और उनके परिवार के सदस्य राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव व तेज प्रताप यादव के ऊपर लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों को गिन-गिन कर खारिज करते हुए सुशील मोदी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि गधा को केतनो पीट-पाट कर सोझा करने की कोशिश कीजिए लेकिन गधा कभी घोड़ा नहीं बन सकता.

लालू प्रसाद ने कहा कि जैविक उद्यान में मिट्टी भरायी का के लिए मेरे परिवार की जमीन की मिट्टी के इस्तेमाल का आरोप बिल्कुल गलत और मनगढ़त है. जिस जमीन से मिट्टी उठा कर 90 लाख रुपये में जैविक उद्यान में बेचने का आरोप मोदी ने लगाया है उसकी सच्चाई यह है कि उस जमीन से मिट्टी का एक टुकड़ा भी जैविक उद्यान में नहीं भेजा गया. लालू ने कहा कि मोदी 2015 के चुनावी हार की पीड़ा से उबर नहीं पाये हैं इसलिए उलूल-जुलूल आरोप लगा कर सुर्खियों में बना रहना चाहते हैं.

लालू ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस करके मोदी द्वारा लगाये गये आरोपों का गिन गिन कर जवाब दिया. लालू प्रसाद  पार्टी नेता प्रेम गुप्ता और राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के साथ प्रेस कांफेंस में आये और पांच पन्नों का प्रेस नोट पढ़ के सुनाया. इसमें सुशील मोदी द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों पर खुल कर अपनी बात रखी. ( पढ़ें लालू ने गिन-गिन कर दिया मोदी के भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब).

लालू ने कहा कि एक सुनियोजित साजिश के तहत भारतीय जनता पार्टी विभिन्न क्षेत्रीय दलों के नेताओं- अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, मायवती और मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रही है. लालू ने कहा कि देश भर में फिरकापरस्ती को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश के विकास में उनकी कोशिश विफल हो गयी है तो वे विरोधी पार्टियों के नेताओं पर बेबुनियाद आरोप लगा कर जनमानस को भढ़काने में लगे हैं.

गौरतलब है कि भाजपा नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि पटना के बेली रोड पर तेजस्वी और तेज प्रताप के निर्माणाधीन मॉल की मिट्टी को 90 लाख रुपये में पटना जैविक उद्दयान को बेची गयी जिसका लाभ तेज प्रताप को हुआ. तेज प्रताप वन एंव पर्यावरण मंत्री हैं.

 

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