एक हजार करोड़ रुपये के सृजन घोटाले की जांच को बिहार सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया है. इस बीच नौकरशाही डॉट कॉम को कुछ ऐसी रेयर तस्वीरें हाथ लगी हैं जो इस घोटाले की जांच में बड़ा क्लू साबित हो सकती हैं. आप भी देखें.

तस्वीर एक

तस्वीर एक– इस तस्वीर में हरी साड़ी में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का फोलों से स्वागत करने वाली महिला मनोरमा देवी हैं. इस दुनिया में नहीं रहीं. लेकिन उनकी मौत के बाद सृजन घोटाले का राज खुला. गुलाबी शर्ट में विपिन शर्मा हैं. विपिन भाजपा बिहार किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं. जो फरार हैं. उन्हें सृजन नामक माइक्रो फाइनांस कंपनी से करोड़ों रुपये मिले. पुलिस के अनुसार  विपिन ने इन पैसों का निवेश भागलपुर में आलीशान मॉल बनाने वाली कम्पनी जीटीएम में किया. उनके नाम चार शाप बुक हुई. जबकि बीच में अमित कुमार हैं. अमित मनोरमा के बेटे हैं जिनकी तलाश जारी है.

तस्वीर दो

तस्वीर दो- इस तस्वीर में एक समारोह में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का स्वागत विपिन शर्मा कर रहे हैं. विपिन का परिचय ऊपर दर्ज है. साथ में मनोरमा के बेटे अमित भी हैं. गिरिराज के साथ इन सब की वफादारी और मेहमाननवाजी कुछ किस्से तो जरूर कहती है.

 

तस्वीर तीन– सरकारी खाते से सीधे अरबों रुपये सृजन मिहला विकास समिति के खातों में जाते थे. सृजन के खाते से पैसे रसूखदारों और भाजपा के नेता विपिन के खाते समेत सौकड़ों लोगों को मिलते थे. इस तस्वीर में देखिए कि सृजन घोटाला की मास्टरमाइंड मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार शानदार भोज में केंद्रीय मंत्री के खाने का खास ख्याल रखते हुए.

तस्वीर चार- जांच एजेंसी को पता करना चाहिए कि यह तस्वीर सृजन के दफ्तर की है या कहीं और की. मनोरमा के बेटे अमित के रिश्ते केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के साथ कितने स्नेह भरे होंगे, इस तस्वीर से पता चलता है. गिरिराज विश्राम की मुद्रा में कुर्सी पर बैठे हैं और अमित उन्हें कुछ समझा रहे हैं. याद रखने की बात है कि सृजन महाघोटाला में अब तक दस के करीब लोग सलाखों के पीछे हैं. इनमें कल्याण पदाधिकारी( भागलपुर) डीएम के नाजरि समेत अनेक लोग शामिल हैं.

अभी तक इस घोटाले का आकार लगभग एक हजार करोड़, यानी चर्चित चारा घोटाले से भी बड़ा हो चुका है. लोगों के मन में सवाल यह है कि क्या इस घोटाले की ईमानदारी से जांच होगी?  अगर जांच ईमानदारी से और तेजी से हुई तो कई दिग्गज इसके चपेटे में आ सकते हैं.

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By Editor