जनता दल राष्ट्रवादी के संयोजक अशफाक रहमान ने इस बात पर चिंता जतायी है कि मुस्लिम समाज एक बार वोट दे कर पांच वर्षों के लिए सो जाता है. उन्होंने कहा कि अन्य समाज के लोग न सिर्फ वोट दे कर सरकार गठन और सरकार में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के बाद भी उस पर कंट्रोल रखते हैं.ashfaque.rahman

 

अशफाक रहमान ने अपने बयान में कहा कि  इसी असंवेदनशीलता के कारण ही मुसलमान राजनीतिक बदहाली के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि मुसलमान वोट डालते वक्त जितना सक्रिय रहते हैं उतनी ही सक्रियता चुनाव के बाद उन्हें होना चाहिए और सरकारों का गिरेबान पकड़ने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.

 

अशफाक रहमान ने कहा कि मुसलमानों ने अब तक अपना सियासी एजेंडा तय ही नहीं किया है और वह अब तक स्वघोषित सेक्युलर नेताओं के एजेंडे पर चलते रहे हैं. इन स्वघोषित सेक्युलर पार्टियों का एजेंडा है भाजपा हराओ संघ हराओ. उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने की जितनी कोशिश हुई है वह उतनी मजबूत बन कर उभरती चली गयी है. अशफाक रहमान ने कहा कि मुसलमानों को किसी को हराने के बजाये अपनी जीत का एजेंडा तय करना होगा.

उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि संघ परिवार साम्प्रदायिक एजेंडा पर काम करता है इसलिए सेक्युलर ताकतों को एकजुट होना जरूरी है. लेकिन संघ के खौफ बाहर निकलना होगा क्योंकि स्वघोषित सेक्युलर पार्टियां भाजपा-संघ का खौफ दिखा कर मुसलमानों का वोट बटोरती रही हैं.

उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव को ले कर मुसलमान बेचैन हैं लेकिन जब वह चुनाव खत्म हो जायेगा तो वे भी बिहार के मुस्लिम वोटरों की तरह गठरी बांध कर सो जायेंगे और बाद में कहेंगे कि मुसलमानों को सत्ता में हिस्सेदारी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज सियासी तौर पर बेदार है लेकिन नेतृत्व के स्तर पर वंचित है.  उन्होंने कहा कि जिस समाज के पास नेतृत्व का अभाव है वह हमेशा संकट में घिरा होता है.

रहमान ने कहा कि आज मुस्लिम संगठनों, संस्थानों को सरकारी स्तर पर तबाह करने का काम सरकार कर रही है लेकिन अफसोस की बात है कि इसके बावजूद मुस्लिम नेतृत्व चुप्पी साधे हुए है.

अशफाक रहमान ने मुस्लिम नेतृत्व को एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि अगर मुस्लिम नेतृत्व एक नहीं हुआ तो एक एक कर सभी डुबो दिये जायेंगे और उन्हें बचाने वाला कोई नहीं बचेगा. उन्होंने मुस्लिम नेतृत्व का आह्वान किया कि बिहार में मुसलमानों का एक गठबंधन आकार ले रहा है इस प्रस्तावित गठबंधन को मजबूत करके अपने अधिकार की लड़ाई को आगे बढ़ाने की जरूरत है.

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