जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने कथित सेक्युलर नेताओं पर आरोप लगाया है कि वे शहाबुद्दीन के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक नेता शहाबुद्दीन की जमानत मिलने पर हजारों की भीड़ उनके सपोर्ट में खड़ा करके दूसरे नेता के विरुद्ध कुछ बोलवा देता है तो दूसरा नेता इसकी प्रतिक्रिया में उनकी जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे देता है.ashfaque

 

अशफाक रहमान ने कहा कि इसके लिए प्रशांत भूषण जैसे वरिष्ठ वकील भी खड़ा कर दिये जाते हैं. अशफाक रहमान ने कहा कि कथित सेक्युलर नेता मिल कर एक मुस्लिम नेता के नाम पर मुसलमानों को मूर्ख बनाने में लगे हैं. लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि बिहार के मुसलमान उनकी इस सियासत को अच्छी तरह समझ रहे हैं.

ब्रह्मेश्वर की रिहाई पर चुप रहे नेता

अशफाक रहमान ने अपने बयान में कहा कि जब ब्रह्मेश्वर मुखिया जैसे दूर्दांत अपराधी को अदालत रिहा कर देती है तो यही राज्य सरकार खामोश रह जाती है और ऐसे मामले में लालू प्रसाद भी कुछ नहीं बोलते. लेकिन जब एक मुस्लिम नेता को न्यायालय, तमाम न्यायिक प्रक्रिया के तहत जमानत देता है तो राज्य सरकार प्रशांत भूषण को आगे करके पीछे से खुद भी उनकी जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाती है.

 

अशफाक रहमान ने कहा कि इस मामले में कथित सेक्युलर नेता दोधारी राजनीति कर रहे हैं. अशफाक रहमान ने कहा कि अमित शाह, असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और आईपीएस डीजी वंजारा जैसे हत्या के आरोपी जब जेल से रिहा किये जाते हैं तो संघी मानसिकता के लोग जश्न मनाते हैं जबकि इल्कट्रानिक मीडिया इस खबर को डिबेट के लायक भी नहीं मानता.

 

रहमान ने कहा कि कांग्रेस सरकार के तत्कालीन गृह मंत्री और गृह सचिव जब तमाम साक्ष्य के आधार पर कहा था कि देश में तेजी से हिंदू आतंकवाद पनप रहा है तो भाजपा और संघ के लोग इस मामले केंद्र सरकार पर टूट पड़े थे. जबकि ऐसे मामलों में कथित सेकुलर नेता हेमेशा चुप्पी साध लेते हैं. उन्होंने कहा कि जब मुसलमानों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत जमानत या रिहाई मिलती है तो भाजपा से ले कर जद यू और राजद जैसे तमाम दल वोट की राजनीति का अभियान शुरू कर देते हैं.

 

अशफाक रहमान ने कहा कि मुसलमानों को ऐसी राजनीतिक चाल समझना चाहिए और उन्हें वैकल्पिक राजनीतिक नेतृत्व पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी वैकल्पिक राजनीति में हिंदू और मुसलमानों को एक साथ आना होगा जिसमें हिंदू समाज के लोग बड़े भाई की भूमिका में हो सकते हैं जबकि मुसलमान छोटे भाई की भूमिका निभा सकते हैं. अशफाक रहमान ने आम लोगों से अपील की कि बिहार के लोगों को इन तथाकथित सेक्लर नेताओं की चाल को समझते हुए उनका बॉयकाट करना चाहिए.

By Editor