बिहार विधानसभा अध्‍यक्ष उदय नारायण चौधरी के खिलाफ चार विधायकों ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पटना उच्‍च न्‍यायालय ने स्‍पीकर के खिलाफ याचिका को सुनवाई के लिए स्‍वीकार कर लिया है।  पटना उच्च न्यायालय में ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नीरज कुमार बबलू, राहुल कुमार और रविन्द्र राय की ओर से संयुक्त रूप से दायर याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद दस के तहत विधानसभा अध्यक्ष ने चारों की विधायकों की सदस्यता समाप्त करने और पूर्व विधायक की सुविधा भी नहीं दिये जाने का जो फैसला सुनाया है, वह गलत, संविधान की धारा के विपरीत और पक्षपातपूर्ण है। phc

 

याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि राज्यसभा के उप चुनाव में पार्टी के घोषित उम्मीदवार के खिलाफ मतदान करने को आधार बनाकर उनके खिलाफ तो कार्रवाई की गयी है, लेकिन इसी मामले में अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। सभाध्यक्ष का यह फैसला पक्षपातपूर्ण और पूर्व नियोजित है। उन्होंने अदालत से इस फैसले को रद्द करने का आग्रह किया।  बागी नेताओं ने अदालत से यह भी आग्रह किया कि जब तक उनकी याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक सभाध्यक्ष के फैसले पर अंतरिम रोक लगायी जाये।

 
गौरतलब है कि शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने जदयू के चार बागी विधायकों की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी थी। इन विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिये संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने पिछले 21 जून को विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन दिया था। सभाध्यक्ष के फैसले के बाद दूसरे दिन ही चारों नेताओं को जदयू से निष्कासित भी कर दिया गया। पूर्व विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। स्पीकर ने नीतीश कुमार के दबाव में आकर बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त की है। हमने स्पीकर के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

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