लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद के मानसून सत्र के पहले सदन के सभी सदस्यों से अनुरोध किया है कि 16वीं लोकसभा के आखिरी वर्ष में अधिक से अधिक विधायी कार्य संपन्न कराने में योगदान दें तथा राजनीतिक एवं चुनावी लड़ाई को सदन के बाहर अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लड़ें। 

श्रीमती महाजन ने सभी लोकसभा सदस्यों को पत्र लिख कर यह अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि अब 16वीं लोक सभा के कार्यकाल का अंतिम वर्ष प्रारंभ हो चुका है और मात्र तीन सत्र बचे हैं। समय कम है और काम ज्यादा और मुख्यतः मानसून सत्र और शीत सत्र में ही लोकसभा में विधायी कार्यों पर चर्चा एवं कार्य के लिए समय उपलब्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों, सिद्धान्तों एवं आदर्शों का न केवल पूरे विश्व में उदाहरण दिया जाता है बल्कि ये संपूर्ण विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। दुनियाभर में लोग उत्सुकता से हमारी संसदीय कार्यवाही पर नज़र रखते हैं। सभा की कार्यवाही को लगातार बाधित करने से हमारे लोकतंत्र की इच्छित छवि प्रस्तुत नहीं होती है।

उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अनेक अवसरों पर देखा गया है कि सोशल मीडिया में संसद, संसदीय परम्पराओं और लोकतंत्र के प्रति अपेक्षित उत्साह एवं सकारात्मकता क्षीण हो रही है। यह प्रवृति हमारे लोकतंत्र के लिए एक चुनौती बन सकती है। इसलिए अब अवसर आ गया है कि हम स्वयं आत्मनिरीक्षण करें कि हमारी संसद एवं लोकतंत्र के लिए कौन-सी दिशा अथवा छवि उचित है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनता ने हमें इस महान सभा का सदस्य बनने का ‘आशीर्वाद’ दिया इसलिए हम सबका सामूहिक कर्तव्य है कि लोकतंत्र के इस मंदिर की प्रतिष्ठा और शुचिता को सदैव अक्षुण्ण बनाए रखें।

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