ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद्दुल मुसलमिन (एमआईएम) की पुणे में हने वाली सभा को पुलिस ने शिवसेना के दबाव में अनुमति  रद्द कर दी है. यह सभा  4 फरवरी को होने वाली थी.

असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी

शिवसेना की चेतावनी के बाद शहर पुलिस ने यह कदम उठाया है. महाराष्ट्र कृति समिति तथा मूल निवासी मुस्लिम मंच द्वारा 4 फरवरी को शाम साढ़े पांच बजे गोलीबार मैदान में मुस्लिम आरक्षण परिषद का आयोजन किया जाना था.इसमें सांसद असदुद्दीन ओवैसी, पूर्व न्यायाधीश बी. जी. कोलसे पाटील समेत अन्य छोटे-छोटे संगठनों के पदाधिकारी शामिल होनेवाले थे.

इससे पहले शिवसेना ने दमकी दी कि इस सभा का आयोजन वह होने नहीं देगी. उसका तर्क ता कि ओवैसी हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण देते हैं. शिवसेना ने पहले कहा ता कि अगर ओवैसी हिंदुओं के खिलाफ कुछ बोलेंगे तो सभा में ही हंगामा किया जायेगा. बाद में उसने पुणे पुलिस पर दबाव डाला जिसके बाद पुलिस ने सभा की अनुमति नहीं दी.

सांसद ओवैसी को मुख्य वक्ता के रूप में निमंत्रित किया गया था।

शिवसेना के पुणे के पूर्व विधायक विनायक निम्हण ने पुलिस आयुक्त सतीश माथुर से मिलकर कहा था कि ओवैसी की बयानबाजी से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती हैं। ऐसा हुआ तो शिवसेना उनकी सभा बंद करवाएगी। परिषद को लेकर शिवसेना की आक्रामक भूमिका को देखते हुए पुलिस ने परिषद को अनुमति नहीं दी है.

एमआईएम का बढ़ता जनाधार

दूसरी तरफ भास्कर डॉट कॉम के अनुसार पुणे के पुलिस आयुक्त मनोज पाटील का कहना है कि परिषद का आयोजन खुले मैदान में करने के कारण काफी भीड़ जमा हो सकती है. साथ ही यातायात तथा कानून व्यवस्था प्रभावित होगी। इसलिए परिषद को अनुमति नहीं दी गई है.

गौरतलब है कि एमआईएम ने महाराष्ट्र चुनाव में उम्मीदों से ज्यादा बढ़िया प्रदर्शन करते हुए दो सीटें जीती. इतना ही नहीं उसने राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को भी पीछे छोड़ दिया. पिछले कुछ महीनों से उत्साहित एमआईएम अब उत्तर प्रदेश और बिहार में भी अपनी जड़ें जमाने में लगी है. बिहार में नवम्बर में चुनाव होने हैं जबकि उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर उसने मुस्लिम बहुल इलाकों में पार्टी को मजबूत करना शुरू कर दिया है. एमआईएम सूत्रों का कहना है कि वह यूपी में कम से कम 25 सीटों से अपने उम्मीदवार उतारेगी.

By Editor

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