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केंद्रीय कैबिनेट द्वारा सरकारी नौकरियों में सवर्ण को 10  % आरक्षण को मंजूरी मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी ने देर से ही सही पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक फ़ैसला लिया है। उन्‍होंने कहा कि 10 % कम है, इसलिए इसे 15 % करे सरकार।

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नौकरशाही डेस्‍क

पूर्व सीएम ने कहा कि सवर्ण के लिए 10 % मिली आरक्षण कम है। हमने15 % की मांग की थी। उन्‍होंने कहा कि स्वर्ण आरक्षण का दायरा 10% नहीं 15% करे’। मांझी ने सवर्ण के साथ – साथ SC/ST को भी आरक्षण 25% करने की मांग केन्द्र सरकार से की है। वहीं, आरक्षण सीलिंग 49% की जगह 85% की मांग की है।

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गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से आज कैबिनेट की बैठक में  दस फीसदी आरक्षण देने की मंजूरी दी है, जिसका फायदा आर्थिक आधार पर पिछड़े वर्ग के लोगों को मिलेगा। बताया जा रहा है कि बीते दिनों पांच राज्‍यों में हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ था। माना जाता है कि सवर्ण भाजपा सरकार से नाराज चल रहे थे। कहीं न कहीं उनकी नाराजगी की मुख्‍य वजह सवर्ण आरक्षण की मांग को लेकर भी थी। इस बाबत बिहार समेत कई राज्‍यों में भाजपा के नेताओं व मंत्रियों को सवर्ण संगठनों के विरोध प्रदर्शन का समाना भी करना पड़ा था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरक्षण का आधार आर्थिक रखा गया है। कहा जा रहा है कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को नौकरियों में दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि ये दस फीसदी रिजर्वेशन संविधान के मुताबिक दिए गए 50% के ऊपर होगा। इसके लिए सरकार संविधान में संशोधन कर आरक्षण को 60 फीसदी तक बढ़ाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए मंगलवार को प्रस्ताव लाया जाएगा।

By Editor