13 दल के नेताओं का साझा बयान, PM की चुप्पी से हम स्तब्ध

सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव सहित देश के 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने साझा बयान जारी कर मुस्लिम विरोधी उन्माद फैलाने पर जताया विरोध।

देश में धर्म के नाम पर नफरत फैलाने, मस्जिदों के सामने गाली-गलौज और उन्मादी नारे लगाने की अनेक घटनाओं के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर विपक्ष के 13 दलों ने कहा कि वे हैरान और स्तब्ध हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, झारखंड और बंगाल के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ममता बनर्जी, बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, एनसीपी के शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्तालिन, सीपीएम के सीताराम येचुरी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, सीपीआई के डी राजा, माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सहित देश के 13 नेताओं ने देश में सांप्रदायिक उन्माद भड़काने पर चिंता जताई और साथ प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी का भी विरोध किया।

विपक्षी नेताओं ने कहा कि भोजन, कपड़े, त्योहार और धर्म के नाम पर देश की सत्ताधारी दल द्वारा जनता को बांटा जा रहा है। साझा बयान में कहा गया है कि धर्मांधता के खिलाफ प्रधानमंत्री ने एक शब्द तक नहीं बोला और न ही कोई कार्रवाई की। प्रधानमंत्री की चुप्पी से हम स्तब्ध हैं। प्रधानमंत्री की चुप्पी से यह साबित होता है कि उन्माद फैलाने वालों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।

सभी नेताओं ने सामाजिक सद्भाव कायम रखने के लिए अपना संकल्प दोहराया और कहा कि सदियों के सद्भाव को खत्म करने की कोशिश को वे सफल नहीं होने देंगे। नेताओं ने कहा कि वे विषैली-जहरीली विचारधारा के खिलाफ मिल कर लड़ेंगे। यह विष हमारे देश की विविधता को समाप्त करना चाहती है, जिसका वे विरोध करेंगे।

सभी नेताओं ने देश की जनता से शांति बनाए रखने तथा देश को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिये बांटने की कोशिश को विफल करने की अपील की। सभी नेताओं ने अपनी पार्टी की हर इकाई से मिलकर सद्भाव और शांति बनाने के लिए आगे आने का आह्वान किया।

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