उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 14वें वित्त आयोग ने पंचायती राज संस्थाओं को तेरहवें वित्त आयोग के मुकाबले चार गुना अधिक राशि उपलब्ध कराई है। श्री मोदी ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट के पूर्व आयोजित प्रथम बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को 13वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित 4922 करोड़ रुपये की राशि से लगभग 4 गुना अधिक 14649 करोड़ रुपये 14वें वित्त आयोग द्वारा चार वर्षों में उपलब्ध करायी गई है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा पंचम वित्त आयोग द्वारा 8207 करोड़ रुपये की राशि दी गयी है। उन्होंने कहा कि इसी तरह शहरी निकायों को 13वें वित्त आयोग ने 551 करोड़ रुपये दिये जबकि 14वें वित्त आयोग द्वारा चार वर्षों में 1857 करोड़ रुपये और पंचम राज्य वित्त आयोग ने 2229 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जा चुके है।

श्री मोदी ने बताया कि बिहार में एक-एक करोड़ रुपये की लागत से 1050 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 250 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि शहरी एवं ग्रामीण निकाय के प्रतिनिधियों के भत्ता में 2015 में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी। इसके अलावा 01 अक्तूबर 2018 से दुर्घटना के दौरान मृत्यु हाेने की स्थिति में पांच लाख रुपये अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी एवं अन्य कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए उनकी बहाली की प्रक्रिया जारी है। प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया है कि सरकार 15वें वित्त आयोग से जिला परिषद् और पंचायत समितियों को राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध करे क्योंकि 14वें वित्त आयोग ने इनके लिए राशि का प्रावधान नहीं किया था।

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