राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी वीएस सिंह की सड़क हादसे में हुई मौत का मामला एक नया मोड़ लेता जा रहा है. अब इस बात की गुंजाइश नजर आने लगी है कि सिंह की मौत सड़क हादसा न होकर हत्या भी हो सकती है.

अब पुलिस अपनी जांच का रुख हत्या की “साजिश” की तरफ कर चुकी है.

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सिंह की पिछले 3 दिसम्बर को अहले सुबह तब मौत हो गई थी जब वह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. उनके साथ कॉमर्सियल टैक्स महकमे के उपायुक्त वीजेंद्र सिंह भी थे, जो उस घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये थे.

वीजेंद्र को जब होश आया तो उन्होंने जो बयान दिया, वह उस ड्राइवर के बयान से एकदम भिन्न था. मारुति कार के ड्राइवर, दीन दयाल पॉल जिसकी गाड़ी से सिंह की मौत हुई थी, ने कहा था कि पैदल पार पथ क्रास करते समय वह अचानक उनकी गाड़ी के सामने आ गये थे.

हालांकि वीजेंद्र सिंह जो पांच दिनों तक कोमा में रहे, होश आने पर कहा कि जहां यह हादसा हुआ वहां कोई पैदल पार पथ है ही नहीं.
इंडियन एक्सप्रेस की खबरों के मुताबिक, सिंह, दारा सिंह फेक एनकाउंटर मामले के चश्मेदीद गवाह थे और वह कुछ खास लोगों के निशाने पर थे.ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि क्या सिंह की दुर्घटना में हुई मौत हत्या तो नहीं थी?

1978 बैच के आई एएस अधिकारी रहे सिंह ने जयपुर कलेक्टर सहित कई अहम पदों पर काम कर चुके थे.

इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त कमिशनर रघुबीर सैनी कर रहे हैं. अब देखना है कि सैनी अपनी जांच को कैसे आगे बढ़ाते हैं और उनकी जांच का नतीजा क्या निकलता है.
वीएस सिंह 1990 के दशक में अनेक गंभीर मामलों के निपटारे के लिए काफी चर्चित रहे हैं.

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