2010 की जीत दोहराने के लिए 1 करोड़ दीदियों के घर पहुंच रहे नीतीश

बिहार में जीविका दीदियां मौन क्रांति की मिसाल हैं। 2010 की भारी जीत 2024 में दोहराने के लिए नीतीश कुमार 1 करोड़ दीदियों के घर पहुंच रहे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के क्रम में रोज किसी जिले में पहुंच रहे हैं। हर जिले में वे जीविका दीदियों से जरूर मिल रहे हैं। बिहार में इनकी संख्या एक करोड़ तीस लाख है। ये जीविका दीदियां संघर्ष और आत्मनिर्भरता की मिसाल हैं। हर हफ्ते सिर्फ दस रुपए जमा करके अपने जीवन और गांव के सबसे गरीब टोले में क्रांति का उदाहरण हैं ये दीदियां। नीतीश कुमार की यह खास योजना है, जिसे सबसे पहले बिहार में लागू किया गया। इस कार्यक्रम की सफलता के बाद केंद्र ने इसी तर्ज पर आजीविका योजना शुरू की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी रणनीति के साथ हर जिले में जीविका दीदियों से मिल रहे हैं। वे इसका महत्व समझ रहे हैं, लेकिन लगता है खुद जदयू नेता महत्व नहीं समझ रहे, इसीलिए न तो इस पर वे कुछ लिख रहे हैं और न ही वीडियो को ट्वीट-रिट्वीट कर रहे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने महिलाएं अपने जीवन में बदलाव की कहानी सुना रही हैं। नौकरशाही डॉट कॉम ने चुनिंदा दीदियों की कहानी को केंद्र में रख कर वीडियो बनाया है। तेतरी देवी बताती हैं कि वे और उनके पति दोनों विकलांग हैं। घर बेहद गरीबी में किसी तरह घिसट रहा था। जीविका दीदी से संपर्क के बाद न सिर्फ बेटे का इलाज कराया, बल्कि समोसे की दुकान खोली। आज सबकुछ के बाद चार-पांच हजार रुपए महीने बचा लेते हैं। गीता कुमारी, रेहाना खातून की कहानी बिल्कुल अलग है। देखिए वीडियो-

जीविका दीदियों को हर महीने सिर्फ दस रुपए जमा करने होते हैं। इन्हें बैंक से जोड़ा गया है। अगर समूह में 100 महिलाएं हैं, तो हर महीने हजार रुपए जमा हो जाते हैं। बैंक भी मदद करता है। समूह हर महीने सबसे ज्यादा जरूरतमंद महिला को 10-20 हजार रुपए की मदद करता है। इससे महिलाएं अपना रोजगार शुरू करती हैं। बीमारी में कर्ज में फंसने के बजाय यहां से मदद मिलती है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जानते हैं कि 2010 बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी भारी जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण थीं ये दीदियां। उन्हें यह भी मालूम है कि 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा को शिकस्त देने तथा जदयू की सीटों को बढ़ाने में जीविका दीदियों का महत्व आज भी उतना ही है। इसीलिए वे एक रणनीति के तहत दीदियों से मिल रहे हैं। फिलहाल बिहार में ओक करोड़ 30 लाख दीदियां हैं, जिन्हें नीतीश कुमार बढ़ा कर डेढ़ करोड़ करना चाहते हैं।

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By Editor