भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रैंक में पदस्थापित 2016 बैच के आईएएस अधिकारियों ने 27 जुलाई, 2018 को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट की. इस दौरान राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा है कि आईएएस हमारी पुरानी अखिल भारतीय सेवा है. भारतीय प्रशासनिक सेवा उन संस्थानों में हैं जो समान शासन संचालन ढांचे, साझे प्रशासनिक मूल्यों के साथ और लोक सेवा में एकरूप संस्कृति और मूल्य प्रणाली को प्रोत्साहित करके हमारे देश को बांधे हुए हैं.

नौकरशाही डेस्‍क

उन्‍होंने कहा कि जिलों तथा राज्य की राजधानियों में आईएएस अधिकारी राष्ट्रीय तथा केन्द्र सरकार के कार्यक्रम को लागू करने के लिए जिम्मेदार होते हैं. इन कार्यक्रमों को स्थानीय स्थिति के अनुसार भी बनाया जाता है. इससे अधिकारी भारत सरकार और राज्य सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु होता है. यह आईएएस अधिकारियों का दायित्व है कि वे अपने विविधता भरे देश में सरकार की हर तरह की सेवा अखिल भारतीय सेवा की समझ, विशेषज्ञता, अनुभव तथा ईमानदारी के मानकों के अनुसार लोगों को दें.

राष्ट्रपति ने कहा कि 2040 के दशक में लगभग उस समय अऩेक अधिकारी सचिव के रूप में अपना करियर समाप्त करेंगे, जब भारत अपनी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा. आज हम 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं. 2040 के दशक तक हमारा जीडीपी 6 या 7 गुणा अधिक होगा.

राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि आईएएस अधिकारी के रूप में उन्हें अपने लोगों, अपनी सरकार तथा अपने देश को चुनौतियों तथा अवसर का लाभ उठाने के लिए तैयार करना होगा, यह उनका दायित्व है. इसमें टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ाना होगा. हमे जकड़न से बाहर आना होगा और सरकार को बाधा रहित सेवा प्रदाता के रूप में देखना होगा न कि बंद घेरों की श्रेणियों के रूप में. इसमें प्रशासन के स्वभाव तथा नागरिक और सरकार के बीच सक्रियता और संवाद के स्वभाव को व्यापक रूप से बदलना होगा.

 

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