2024 की तैयारी : अडानी ने छल से खरीदी NDTV में हिस्सेदारी

एनडीटीवी को न कोई नोटिस, न कोई बातचीत, अडानी की कंपनी ने छल से खरीदी 30 प्रतिशत हिस्सेदारी। 2024 चुनाव से पहले जनता की आवाज बंद करने की तैयारी।

भारत के सबसे धनवान अडानी की कंपनी ने धोखे से एनडीटीवी में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली है। वह 26 प्रतिशत और भी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में हैं। सबसे बड़ी बात कि एनडीटीवी को पता भी नहीं है और उसे खरीदा-बेचा जा रहा है। एनडीटीवी ने स्टॉक एक्सचेंज में शिकायत दर्ज कराई है कि उससे कोई बातचीत नहीं की गई, कोई नोटिस नहीं दिया गया, इसके बावजूद अडानी की कंपनी ने 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी कैसे खरीद ली।

अडानी ग्रुप ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सहयोगी कंपनी एमएमजी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड ने मंगलवार को विश्वाप्रधान कमर्शियल प्रा. लि. (वीसीपीएल) को खरीद लिया, जिसने 2009 और 2010 में एनडीटीवी की प्रोमोटर कंपनी पीआरपीआर 403.85 करोड़ रुपए कर्ज दिए थे। RRPR पर राधिका रॉय और प्रणव रॉय का अधिकार है।

एनडीटीवी पर अडानी के कब्जे की खबर से मीडिया और श्रोता जगत में हंगामा है। अनेक लोगों ने इसे 2024 लोकसभा सभा चुनाव से पहले जनता की आवाज, विपक्ष की आवाज बंद करने की साजिश के रूप में देखा है। सोशल मीडिया में रवीश कुमार लगातार ट्रेंड कर रहे हैं। भाजपा समर्थक तंज कस रहे हैं, तो जवाब में लोग कह रहे हैं कि जिस दिन वे यू-ट्यूब पर आ गए, तो महीने भर में उनके 10 लाख सब्रसक्राइबर होंगे। रवीश कुमार का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। ये है-

एनडीटीवी ने कहा कि वह जन पत्रकारिता करता रहा है और इससे कभी समझौता नहीं करेगा। जनसत्ता के पूर्व संपादक ओम थानवी ने कहा-अम्बानी के बाद अडानी के ज़रिए उस मीडिया को क़ाबू करने का सिलसिला एक विस्फोट के रूप में सामने आया है, जिसमें जान बाक़ी थी। यह 2024 की तैयारी है। कुछ पहले ही बिछ चुके; बचे मीडिया को इशारा गया। सुधरो या टूटो। आज़ादी के अमृत महोत्सव का डंका इससे ऊँचा क्या बजेगा?

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