प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत करते हुये आज कहा कि सरकार ने वर्ष 2025 तक इस बीमारी को देश से खत्म करने का लक्ष्य रखा है और उन्हें पूरा विश्वास है कि यह लक्ष्य हासिल कर लिया जायेगा। साथ ही उन्होंने आयुर्वेद के जरिये टीबी के उपचार के लिए अनुसंधान का दायरा बढ़ाने का भी आग्रह किया है। 


श्री मोदी ने विज्ञान भवन में ‘डेल्ही एन्ड-टीबी समिट’ के दौरान टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भारत ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। सही रणनीति के साथ, सही से जमीन पर नीतियों को लागू करते हुये चलेंगे तो हम यह लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। कुछ लोगों को यह मुश्किल जरूर लग रहा होगा, पर यह असंभव नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार योजनाओं का लाभ अंतिम जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। टीबी मुक्त भारत का संकल्प टीबी मुक्त विश्व के संकल्प में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत 2025 तक टीबी मुक्त होने का लक्ष्य हासिल कर लेगा।

संयुक्त राष्ट्र ने स्वस्थ जीवन और सभी उम्र के लोगों के स्वास्थ्य के सतत विकास लक्ष्य में टीबी से मुक्ति को भी शामिल किया है, जिसे वर्ष 2030 तक हासिल किया जाना है। भारत ने अपने लिए 2025 तक यह लक्ष्य हासिल करना तय किया है। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र आम सभा की बैठक से पहले की तैयारी के तौर पर विभिन्न देशों में ‘एन्ड-टीबी समिट’ का आयोजन किया जा रहा है।  प्रधानमंत्री ने आयुर्वेद के जरिये टीबी के उपचार के लिए अनुसंधान की संभावना तलशने की भी बात कही। उन्होंने कहा “मैं स्वास्थ्य मंत्रालय से आग्रह करता हूँ कि टीबी के निदान में आयुर्वेद के योगदान पर अनुसंधान का दायरा बढ़ाया जाये और आयुर्वेदिक निदान को दूसरे देशों से भी साझा किया जाये।

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