सरकार ने आईपीएस कुंदन कृष्णन को अकूत शक्ति दे दी है. कुंदन, नीतीश के करीब हैं. पिछले दिनों 20 सीनियर आईएएस अफसरों के तबादले को नीतीश-मांझी तकरार मानने वालों के लिए यह मांझी-नीतीश का जवाब है.

नौकरशाही डेस्क

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याद कीजिए कि पिछले दिनों मांझी ने टॉप लेवल के 20 आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया, जिसके बाद यह खबर फैला दी गयी कि मांझी के इस कदम से नाराज नीतीश कुमार उनकी कुर्सी छीनने को तैयार हैं.लेकिन गुरुवार रात जो 22 अफसरों के दबादले किये गये हैं वह नीतीश के मनपसंद अफसरों को सशक्त बनाने का गणित है.

कुंदन के लिए हुआ सारा करिश्मा

कुंदन कृषणन काफी दिनों तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार से बाहर रहे. फिर वह बिहार लौटे और और तीन महीने पहले तक पटना के जोनल आईजी के पद पर रहे. लेकिन अचानक  अक्टूबर 2014 में मांझी सरकार ने उन्हें इस पद से हटा कर  एटीएस का आईजी बना दिया. लेकिन कल हुए तबादले में मांझी सरकार ने कृष्णन को आईजी मुख्यालय बनायाहै. इतना ही नहीं उनके पास विधिक मामले एवं प्रशासन, एटीएस स्पेशल ब्रांच के आईजी सुरक्षा का भी प्रभार रहेगा.

1994 बैच के अधिकारी कुंदन कृष्णन 2008 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये थे. इससे पहले वह वह पटना के एससपी रह चुके थे. 2008 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए बिहार से विरमित किए गए  कुंदन पटना प्रक्षेत्र का आईजी बनाए जाने से पहले इंटेलीजेंस ब्यूरो में आईजी के समकक्ष पद पर रायपुर में सेवा दे चुके हैं.

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इस तबादले में आईजी मुख्यालय एएस निलेकर को आईजी विजिलांस बनाया गया है.

इसी तरह सूत्र बताते हैं कि मध्यम स्तर के आईपीएस अफसरों के तबादले में भी नीतीश के करीब के एक नेता की इच्छा का ख्याल रखा गया है. इस लिहाज से पी कन्नन को गया का एसएसपी बनाया जाना बहुत खास मायने रखता है. वहां अब तक निशांत कुमार तिवारी एसएसपी के रूप में तैनात थे. तिवारी का गया से हटाया जाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि गया मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के गृह जिला है.

आईपीएस अफसरों के इस तबादले में कुल 22 अफसरों के तबादले हुए हैं. हाल के दिनों का यह सबसे बड़ा फेरबदल माना जा रहा है.

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