पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित भारतीय स्टेट बैंक के मेगा ऋण वितरण समारोह को सम्बोधित करते आज हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सरकार 5 लाख लोगों को प्रशिक्षित करेगी. बैंक बेरोजगार नौजवानों, उद्यमियों व महिलाओं को ऋण देने में कोताही नहीं बरतें.

नौकरशाही डेस्‍क

बैंक सरकार के सहयोग से कॉलेज परिसरों में शिविर लगा कर युवकों को डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहित करें. श्री मोदी ने कहा कि बिहार के युवा मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में आगे आए और रोजगार प्रदाता बने. मुद्रा योजना के तहत देश में अब तक 10 करोड़ 38 लाख लोगों को 4 लाख 60 हजार करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है, जिनमें 76 प्रतिशत महिलाएं और 50 प्रतिशत एससी, एसटी और ओबीसी लाभान्वित हुए हैं.

उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार का वर्ष 2018-19 में 3 लाख करोड़ मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण देने का लक्ष्य है.
चालू वित्तीय वर्ष में बिहार में बैंकों द्वारा वितरित किए जाने वाले 1.10 लाख करोड़ के ऋण में स्टेट बैंक अकेले 19 हजार करोड़ बांटेगी. सरकार सभी योजनाओं की राशि लाभुकों को सीधे उनके खाते में भुगतान कर रही है जिससे बिचैलियों और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है. आम लोगों से अपने पैसों को नन बैंकिंग कम्पनियों की जगह सरकारी बैंकों में जमा करने का आह्वान करते हुए कहा कि अधिकांश नन बैंकिंग कम्पनियां धोखाधड़ी कर भाग जाती है.

श्री मोदी ने कहा कि आम लोग बैंकों से कर्ज लेकर उद्यम-व्यवसाय शुरू करें और अन्य लोगों को भी रोजगार दें तथा कर्ज को समय पर वापस करें। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने स्टेट बैंक द्वारा मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, पीएम आवास योजना व स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत चयनित 1976 लोगों में से 15 को ऋण प्रमाण पत्र वितरित किया.

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