8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को कतर में फांसी की सजा पर उठे सवाल

8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को कतर में फांसी की सजा पर उठे सवाल

8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को कतर में फांसी की सजा पर उठे सवाल। जासूसी के आरोप में फांसी की सजा। प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की लोग कर रहे मांग।

कतर में आठ भारतीय पूर्व नौसैनिक अधिकारियों (8 Navy Veterans) को फांसी की सजा दिए जाने पर देश में लोग चिंता जता रहे हैं। ये सभी सैनिक भारतीय नौसेना में अधिकारी चुके हैं। इन पर कतर में जासूसी करने का आरोप लगाया गया है। इसी आरोप पर वहां की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। देश में लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुरत हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मामले पर उसकी नजर है। प्रभावित परिवारों से वह संपर्क बनाए हुए है। जिन आठ पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई गई है उनके नाम हैं कैप्टन नवतेज सिंह गिंल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरव वशिष्ठ, अमित नागपाल, पूर्णेंदु तिवारी, सुगुनकर पाकला, संजीव गुप्ता और रागेश।

ये पूर्व नौसेना अधिकारी वहां ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसलटेंसी सर्विसेज में काम करते थे। यह निजी कंपनी कतर की सेना को प्रशिक्षण देने का काम करती है। एक खबर के मुताबिक इनमें से कई अधिकारी अत्यंत संवेदनशील प्रोजेक्ट पर काम करे थे। इसी दौरान इन पर जाजूसी के आरोप लगे। ये सभी पूर्व भारतीय अगस्त, 2022 से कतर में जंल में बंद थे। अब जाकर उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है। दिसंबर में कांग्रेस के मनीष तिवारी ने राज्यसभा में यह सवाल उठाया था, लेकिन तब सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

भारत में भारतीय पूर्व नौसेना अधिकारियों को फांसी दिए जाने के बाद से तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि 56 इंच के सीने की ज़रूरत आज है लेकिन बयान-वीर हमेशा की तरह गायब है …..। लेखक अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि जो एक फोन पर रूस और यूक्रेन का युद्ध रुकवा सकते हैं, वे पहल क्यों नहीं कर रहे। उन्होंने ट्वीट किया जिनका दावा था कि एक फोन से रूस-यूक्रेन की जंग रुकवा दी थी, वे क़तर के हुक्मरान को एक फोन करके अपने 8 लोगों को क्यों नहीं छुड़वा ले रहे हैं? सोशल मीडिया में लगातार #NavyOfficer ट्रेंड कर रहा है।

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