एक ताजा शोध में पता चला है कि बिहार में हर पांचवा व्यक्ति अपनी पत्नी को पीटता है. इस अध्ययन में यह दावा किया गया है कि घरेलू हिंसा के कारण समाज भी हिंसक बनता है.

यह शोध अध्ययन पिछले दिनों बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंद वर्मा द्वारा जारी किया गया. जबकि यह शोध  डॉ के.जी. संथा ने किया है.

यह अध्ययन जनसंख्या परिषद द्वारा बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और डेविड एंड लुसिले पैकार्ड फाउंडेशन के समर्थन के साथ आयोजित किया गया था

अध्‍ययन में किशोरावस्था में आने वाली चुनौतियों के निष्कर्षों को डॉ संथा ने कहा कि आज के माहौल में किशोरों में हिंसा के प्रसार व्‍यापाक हुआ है. हर पांच किशोर में कम से कम एक ने अपने पिता को अपनी मां को मारते देखा है, और हर दो किशोर में कम से कम एक ने अपने माता-पिता के हाथों से शारीरिक हिंसा का अनुभव किया है. यह पर्याप्त प्रमाण हैं कि हिंसक परिवारों में पलने वाले बच्चे, जब बड़े हो जाते हैं, तब उनमें हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ने की संभावना रहती है.

 

अध्ययन में यह भी पाया गया कि बिहार में हर 14 विवाहित लड़कियों में से एक किशोर निराश थे. साथ ही लड़कों और लड़कियों के बीच असमानताओं को कम करने और किशोरों की कमजोरियों के लिए शुरुआती चेतावनी के संकेतों को मजबूत करने के लिए अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.

 

अपने अध्ययन के प्रमुख निष्कर्षों को साझा करते हुए कहा कि इस अध्ययन ने शिक्षा, रोजगार, आर्थिक समावेश, एजेंसी, सामुदायिक जीवन,नागरिकता, स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दों में पर काम किया की. 2007 के मुकाबले 2016 में बहुत अधिक बच्चे स्कूल जा रहे हैं. बचत बैंक खाते के साथ किशोरों का अनुपात काफी बढ़ गया है. 2007 में 2-8 प्रतिशत के मुकाबले2016 में 34-52 प्रतिशत से अधिक किशोरों के पास अपना बैंक खाता है.

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