अब जस्टिस दीपक गुप्ता बोले-टूलकिट का प्रयोग देशद्रोह नहीं

दिशा रवि की गिरफ्तारी के खिलाफ विभिन्न दलों के नेता आवाज उठा चुके हैं। अब जस्टिस दीपक गुप्ता भी बोले-टूलकिट का प्रयोग देशद्रोह नहीं।

पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर से आवाज उठ रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, सामाजिक कार्यकर्ता के बाद दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने भी दिशा की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठाई। अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने भी खुलकर कहा कि टूलकिट न तो हिंसा है और न ही देशद्रोह।

जस्टिस दीपक गुप्ता ने एक टीवी चैनल में परिचर्चा के दौरान कहा कि हर नागरिक का अधिकार है कि वह सरकार का विरोध करे। विरोध शांतिपूर्ण होना चाहिए। परिचर्चा 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी और फिर उसे पुलिस रिमांड पर भेजे जाने को लेकर हो रही थी।

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जस्टिस दीपक गुप्ता के साथ परिचर्चा में वरिष्ठ वकील रिबेका एम जॉन, सिद्धार्थ लूथरा, विकास सिंह सहित अन्य वकील थे। इन्होंने भी कहा कि रवि की गिरफ्तारी बोलने की आजादी पर हमला है। हर नागरिक को शांतिपूर्ण ढंग से सरकार का विरोध करने का अधिकार है।

पूर्व न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने कहा कि दिशा ने जिस टूलकिट का इस्तेमाल किया, उसमें हिंसा भड़काने जैसी कोई बात नहीं थी। लोगों को उत्तेजित करने जैसी भी कोई बात नहीं थी। मुझे इस डॉक्यूमेंट में देशद्रोह जैसी कोई बात नहीं दिखी। जस्टिस दीपक की बातों को लाइव लॉ ने विस्तार से प्रकाशित किया है।

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जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि कोई व्यक्ति देश में चल रहे किसान आंदोलन से सहमत या असहमत हो सकता है, पर इसे देशद्रोह कहना किसी तरह से समझ से परे है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जबतक कोई हिंसा भड़काने में शामिल नहीं हो, तबतक उसे देशद्रोह की संज्ञा नहीं दी जा सकती।

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