आचार्यश्री चंदना जी को पद्मश्री विश्व कल्याण के विचार को सम्मान

आचार्यश्री चंदना जी को पद्मश्री मिलना खास है। आज के संकीर्ण दौर में वे शायद अकेली उदात्त संत हैं, जो विश्व कल्याण पर जोर देती हैं।

कुमार अनिल

जैन धर्म की पहली महिला आचार्य आचार्यश्री को भारत सरकार ने इस वर्ष पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की है। उन्हें यह सम्मान सेवा श्रेणी में दी गई है। हालांकि वे सिर्फ मानव सेवा तक सीमित नहीं हैं। वे इससे भी बढ़कर विश्व कल्याण, महावीर-बुद्ध और दुनिया की हर प्रगतिशील धारा को अपने में समेटे हैं। आज के इस दौर में जबकि संकीर्णता, ढकोसला, दिखावा बढ़ रहा है, वे शायद अकेली संत हैं, जो विश्व कल्याण की बात करती हैं। विश्व कल्याण सुनने में साधारण लगता है, पर इस विचार पर दो कदम बढ़कर देखिए, कितना कांटों भरा यह रास्ता है, पता चल जाएगा।

जैसे रवींद्रनाथ टैगोर राष्ट्रवाद से कहीं बहुत अधिक ऊंचा स्थान मानवतावाद को देते थे। उसी तरह आचार्यश्री चंदना जी को भी आप किसी पंथ, राष्ट्र तक सीमित नहीं कर सकते। उनके विचार विश्व कल्याण के हैं।

वीरायतन की पत्रिका श्री अमर भारती के ताजा में उनका एक आलोख छपा है। पहली पंक्ति में ही वे विश्व कल्याण की बात करती हैं। लिखती हैं- आध्यात्मिक जगत में उच्चतम और श्रेष्ठतम प्रार्थना अगर कोई है तो वह यह है विश्व कल्याण की भावना। आध्यात्मिकता का प्रारंभ ही इस भावना में निहित है। संपूर्ण विश्व के लिए सुख की कामना में विराटता के दर्शन हैं।

आचार्यश्री कहती हैं- वीरायतन का मतलब हॉस्पिटल नहीं है। एक उद्देश्य है वीरायतन का- वह है जन जागरण। जो भी करो चिंतनपूर्वक, प्रज्ञा के प्रकाश में करो। मैत्री- करुणा के विस्तार की दिशा में करो। विरायतन एक विचार है, जागृति है। प्रभु महावीर की देशना को जन-जन तक पहुंचाना है।

आचार्यश्री चंदना जी ने इस आत्म कथन में संकीर्णताओं से संघर्ष के कुछ उदाहरण भी दिए हैं। कहती हैं, सिद्धांत परिवर्तनशील नहीं होते, पर व्यवस्था परिवर्तनशील होती है। आचार्यश्री की इन बातों पर सोचिए।

आचार्यश्री को पद्मश्री मिलना निश्चित रूप से खुशी की बात है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है आचार्यश्री की बातों को सचमुच सुनना, फिर गुनना और फिर आत्मसात करना।

आज गणतंत्र दिवस है और आज ही आचार्यश्री चंदना जी का जन्मदिन भी है। जन्मदिन की पूर्व संध्या पर पद्मश्री सम्मान की घोषणा निश्चित रूप से और भी खुशी-संतोष देनेवाला समाचार है। पटना जैन संघ के अध्यक्ष प्रदीप जैन, मुकेश जैन ने आचार्यश्री को पद्मश्री सम्मान मिलने पर हर्ष जताया है।

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