अडानी मामला दबाने की कोशिश नाकाम, सांसदों का नायाब विरोध

BJP लाख जतन कर रही कि पीएम मोदी और अडानी के रिश्ते पर बात न हो, अब सासंदों ने अपनी मांग देश के सामने लाने का नायाब तरीका निकाला। कॉरिडोर पर चढ़ गए।

कुमार अनिल

देश के इतिहास में शायद पहली बार संसद के कॉरिडोर में चढ़कर विपक्ष ने अडानी मामले में पर नारेबाजी की। भाजपा संसद के भीतर अडानी का नाम लेने नहीं दे रही। राहुल ने अडानी के साथ प्रधानमंत्री मोदी के रिश्ते पर सवाल उठाया, तो उसे कार्यवाही से निकाल दिया गया। अडानी मामला को दबाने के लिए खुद सत्ता पक्ष रोज हंगामा करके सदन चलने नहीं दे रहा। माइक ऑफ होता था, अब पूरे सदन का माइक ही ऑफ किया जा रहा। मंगलवार को विपक्षी सासदों ने साबित किया किया कि जैसे पानी को आर रोक नहीं सकते। वह पहाड़ को छेद कर रास्ता निकाल लेता है, उसी तरह लोकसंत्र में आवाज को नहीं दबा सकते। संसद के भीतर नहीं बोलने दिया, तो आज विपक्षी सांसद संसद के कॉरिडोर पर चढ़ गए और जेपीसी की मांग का बड़ा बैनर लहरा दिया।

आज की यह तस्वीर लंबे समय तक याद की जाएगी। इससे तो अच्छा था कि मोदी सरकार विपक्ष और राहुल गांधी को संसद में बोलने देती। उनके बोलने से आवाज जितनी दूर जाती, उससे कहीं दूर तक संसद के कॉरिडोर में सांसदों की नारेबाजी गई है। विपक्षी सांसदों ने लगता है रणनीति के साथ कॉरिडोर से नारेबाजी की। कॉरिडोर से नारेबाजी करके विपक्ष देश को यह संदेश देने में सफल रहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। लोकतंत्र की हालय यह हो गई है।

कॉरिडोर में चढ़कर नारेबाजी करके विपक्ष ने यह भी सिद्ध कर दिया कि देश में लोकतंत्र खतरे में है। इससे पहले सभी विपक्षी सांसद ईडी के दफ्तर जाना चाहते थे, तब भारी संख्या में दिल्ली पुलिस के जरियो सरकार ने रास्ता रोक दिया था। अब विपक्ष ने नायाब तरीका ढूंढ़ निकाला, जिसे लंबे समय तक याद किया जाएगा। और हां, इससे यह भी साबित होता है कि विपक्ष लड़ने को तैयार है। झुकने वाला नहीं है।

कांग्रेस ने कहा–मोदी सरकार से निवेदन है कि कृपया सदन को चलने दें, ताकि देश का नुकसान न हो। आप अडानी को बचाने के लिए लगातार सदन को बंधक बनाए हुए हैं। ये देशहित में नहीं है। JPC का गठन कीजिए ताकि अडानी महाघोटाले की जांच हो और सच्चाई सबके समाने आए। देश का सोचिए, दोस्त का नहीं।

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