अडानी मुद्दे पर मोदी सरकार पर बरसे नीतीश, केंद्र की चुप्पी संदेहास्पद

पहली बार अडानी मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी सरकार पर हमला किया। कहा, विपक्ष की बात नहीं सुनी जा रही। केंद्र की चुप्पी संदेह पैदा कर रही।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार अडानी मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा है। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि देश में विपक्ष की बात नहीं सुनी जा रही है। केंद्र सरकार की चुप्पी संदेहास्पद है। कुछ अंदरूनी मामला होगा (तभी चुप्पी है)।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश में विपक्ष की बात नहीं सुनी जा रही है। वे खुद भी संसद सदस्य रह चुके हैं। अटल जी प्रधानमंत्री थे। तब विपक्ष की बात सुनी जाती थी। अटल जी खुद विपक्ष की बात सुनते थे। आज क्या हो रहा है। बिना सुने ही बात को रिजेक्ट किया जा रहा है। अडामी मामले में केंद्र की चुप्पी संदेह पैदा करने वाली है। जरूर कुछ अंदरूनी बात होगी। जदयू ने ट्वीट किया-अडानी मामले में केंद्र सरकार की चुप्पी संदेहास्पद है। विपक्ष की बात सुनना सरकार की जिम्मेदारी है। श्रद्धेय अटल जी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देते थे। भारतीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह अनिवार्य है।

उधर, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बीबीसी के दफ्तरों में तीन दिन तक छापेमारी को लोकतंत्र पर हमला बताया है। कहा यह अघोषिच आपातकाल है। उन्होंने जेपी को याद करते हुए कहा-आज श्रद्धेय लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के नेतृत्व में 1974-75 के जन आंदोलन की याद आ गयी। जब देश की मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध लगा था और हमलोग प्रतिदिन बीबीसी का समाचार सुनकर देश की महत्वपूर्ण और सत्य खबरों को जान पाते थे। लेकिन आज तो उस भयावह काल से सत्ता की हनक आगे बढ़ चुकी है। राष्ट्रीय मीडिया पर पूर्ण नियंत्रण और पालतू तोतों के बल पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया को भयभीत और आतंकित करने का प्रयास इस देश में लोकतंत्र को समाप्त करने की बड़ी साज़िश है।

ललन सिंह ने नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो भी शेयर किया, जिसमें वे खुद मीडिया की आजादी पर भाषण दे रहे हैं।

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