Advantage Dialogue के चौथे सेशन में प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायिका सोमा घोष ने बड़ी बेबाकी से अपनी बातें रखते हुए कहा कि महिलाओं को उनके हुस्न से नहीं बल्कि उनके टैलेंट से कामयाबी मिलती है.

सोमा घोष

एडवांटेजे डायलाग में जूम ऐप से प्रेरणा प्रताप के साथ बातचीत करते हुए कहा कि महिलायें, पुरुषों के मुकाबले ज्यादा जिद्दी, काम के प्रति लग्नशील, और ममता से भरी होती हैं.

उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनका अधिकारा उनकी शिक्षा और उनके संघर्ष से मिलेगा. सोमा घोष ने कहा कि मिहला एख हुस्न ही नहीं बल्कि एक आवाज भी हैं. उन्हें उनका अधिकार और उनका मुकाम उनकी योग्यता से मिलता है. सोमा ने अपनी राय रखते हुए साफ कहा कि आसानी से कुछ नहीं मिलता. हमें साधना और संघर्ष करने की जरूरत है.

उन्होंने कोरोना संकट पर अपनी राय रखते हुए कहा कि कोई चीज स्थाई नहीं होती. कोरोना का संकट भी टलेगा. उन्होंने गुलजार की पंक्ति दोहराते हुए कहा-

बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है/ मौत से आंख मिलाने की जरूरत क्या है

सोमा प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान को अपना पिता मानती हैं और गजल गायिका बेगम अख्तर को अपना आदर्श मानती हैं.

सोमा ने अपना कार्यक्रम संसद भवन में भी दिया है. तब उनके श्रोताओं में प्रधान मंत्री अटल बिहार वाजपेयी और राष्ट्रपति एपीजे अब्दुलकलाम भी मौजूद थे.

इस अवसर पर एडवांटेज ग्रूप के चेयरमैन खुर्शीद अहमद ने एडवाटेंज डायालग की अगली कड़ी का उल्लेख करते हुए कहा कि रविवार को 12 बजे पटना हाई कोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश मेहमान होंगी और उनसे एनडीटीवी की ऐंकर नगमा बात करेंगी.

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