रूबरू : दर्शकों के दिलों में उतर गये फरहत एहसास व आलोक श्रिवास्तव

मौजूदा दौर के दो मशहूर शायर फरहत एहसास ( Farhat Ehsas) और आलोक श्रिवास्तव ( Alok Shrivastav) शनिवार को पटना के चुनिंदा दर्शकों के रूबरू हुए. इस इवसर पर दोनों शायरों ने अदब की गहराइयों में उतर कर गुफ्तुगू भी की और अशअवार भी पेश किये.

फरहत एहसास ने देश विभाजन को उर्दू के लिए ट्रेजिक बताते हुए इसके साथ खुद उर्दू द्वारा ही नाइंसाफी करने का जहां इल्जाम लगाया वहीं इस बात पर इत्मिनान का इजहार किया किया गुजिश्ता वर्षों में उर्दू नये आब वो ताब के साथ करोड़ों लोगों के दिलों में घर बनाती जा रही है. फरहत ने यह कह कर कि उर्दू की ओनरशिप का दावा करने वाले पीछे छूट रहे हैं और नये ओनर सामने आ रहे हैं.

मौके पर आलोक श्रीवास्तव ने कबीर के लहजे में अपने शायोरी पेश की और कहा कि उर्दू के वो भी उतने ही दावेदार हैं जितने कि अन्य लोग.

बिहार म्यूजियम में एडवांटेज रू बरु 7 कार्यक्रम का आयोजन कला संस्कृति एवं युवा विभाग एवं पीएलएफ द्वारा किया गया

एडवांटेज रू बरु7 कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने किया. उन्होंने पीएलएफ सचिव खुर्शीद अहमद को धन्यवाद दिया और कहा कि मैं खुर्शीद अहमद के काम से बहुत प्रभावित हूं।

विशिष्ट अतिथि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर ने कहा कि पंजाबी और उर्दू आपस में मौसेरी बहने हैं। जिसे हम गंगा जमुनी तहजीब कहते हैं. उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति विभाग सबके साथ और सबके लिए है। और सभी का सहयोग करने का प्रयास करता है.

इस मौके पर पीएलएफ का लोगो लॉन्च किया गया।कार्यक्रम में दो मशहूर शायर आलोक श्रीवास्तव और फरहत एहसास दर्शकों से रूबरू हुए। पीएलएफ के आयोजन अध्यक्ष ओबैदुर रहमान ने कहा कि एडवांटेज रू बरु एक अनोखा कार्यक्रम है जिसमें दो मशहूर शायर फरहत एहसास और आलोक श्रीवास्तव को गंगा जमुनी तहजीब को ध्यान में रख कर लाया गया है।साथ ही एक एंकर प्रेरणा प्रताप को आमंत्रित किया गया ।

उन्होंने कहा कि दोनों कवियों ने नयी शैली में कविता पढी।उनकी शायरी से दर्शकों का खूब मनोरंजन हुआ। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से अजीमाबाद के लोगों के बीच साहित्य और सभ्यता को लेकर अच्छा संदेश जायेगा। प्रेरणा प्रताप की एंकरिंग को दर्शकों ने खूब सराहा और तालियां बजाईं। जबकि शगुफ्ता याशमीन एंकर दूरदर्शन दिल्ली ने बहुत ही भावपूर्ण आवाज में एडवांटेज रो- बरु कार्यक्रम की एंकरिंग की। पीएलएफ के सचिव व संस्थापक खुर्शीद अहमद ने कहा कि अजीम आबाद की धरती पर एक बार फिर साहित्य और संस्कृति पर चर्चा हुई। यह काफी ख़ुशी की बात है कि दो शायर आलोक श्रीवास्तव और फ़रहत एहसास की शायरी और साहित्य -संस्कृति पर विमर्श को सराहा गया।

इस कार्यक्रम में कतर से बज्म-ए सदफ के संस्थापक शहाबुद्दीन अहमद, लखनऊ से शाह आलम, मोहम्मद आफताब कुरेशी, शायर शाहिद कमाल, हैदराबाद से एसआरजेड इंटरप्राइजेज के अब्दुल रहमान को सम्मानित किया गया।पीएलएफ सदस्यों फैज़ान अहमद, पंकज चौधरी, राकेश रंजन, ओबैदुर रहमान मौजूद हैं। कार्यक्रम में पीएलएफ पटना के सदस्य सचमुच उत्सव मनाते हैं।

कार्यक्रम में मौजूद डॉ रविशंकर निदेशक मेदांता अस्पताल, हंसराज, उज्जवल, परिमल जी, अशोक कुमार उप निदेशक बिहार संग्रहालय, अंजुम आबदीन जैसी प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद थी।कार्यक्रम में पटना के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया

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