बुलडोर के खिलाफ : 6 जजों, 4 वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने लिखा पत्र

यूपी में Bulldozer Action के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों सहित छह न्यायाधीशों तथा देश के 4 वरिष्ठतम अधिवक्ताओं ने CJI को लिखा पत्र।

जेएनयू की छात्र नेता आफरीन और उनके पिता राजनीतिक कार्यकर्ता मोहम्मद जावेद का घर ढाहने, 300 लोगों को गिरफ्तार करने के खिलाफ आज देश के छह पूर्व न्यायाधीश तथा चार वरिष्ठतम अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिख कर स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया। मालूम हो कि पैगमंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ देश ही नहीं, विदेशों में भी नाराजगी दिखी है। देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। यूपी में भी प्रदर्शन हुए। कछ स्थानों पर पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसके बाद जिला प्रसासन की देखरेख में मोहम्मद जावेद का घर बुलडोजर से ढाह दिया गया। राज्य भर में गिरफ्तारियां हो रही हैं। पुलिस हिरासत में लोगों को बुरी तरह पीटा जा रहा है। इन सब बातों का उल्लेख पूर्व जजों ने अपने पत्र में किया है।

पूर्व न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं ने पत्र में यूपी में लॉ एंड आर्डर की गंभीर स्थिति पर चिंता जताई है। लिखा है कि कई वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें पुलिस कस्टडी में रखे गए लोगों को बुरी तरह पीटा जा रहा है।

लाइव लॉ के अनुसार पत्र में लिखा गया है कि उन्हें जानकारी मिल रही है कि खुद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे ऐसी कार्रवाई करें कि कोई दूसरा व्यक्ति कोई अपराध करने की हिम्मत न करे। मुख्यमंत्री के ऐसे आदेश से अधिकारी गैरकानूनी तरीके से लोगों को टार्चर कर रहे हैं।

सामूहिक रूप से पत्र लिखनेवालों में जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी, (पूर्व जज सुप्रीम कोर्ट), जस्टिस गोपाल गौड़ा (पूर्व जज सुप्रीम कोर्ट), जस्टिस एके गांगुली (पूर्व जज सुप्रीम कोर्ट), जस्टिस एपी शाह (दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस), जस्टिस के चंद्रू (पूर्व जज मद्रास हाईकोर्ट), जस्टिस मो. अनवर (पूर्व जज, कर्नाटत हाईकोर्ट), सुप्री कोर्ट के तीन वरिष्ठतम अधिवक्ता शांति भूषण, इंदिरा जय सिंह, चंद्र उदय सिंह तथा मद्रास हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राम पांचू शामिल हैं।

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