अखिलेश बोले, सरकार बनी, तो कराएंगे जातीय जनगणना

आज अखिलेश यादव ने भाजपा को फंसा दिया। कहा, चुनाव बाद उनकी सरकार बनी, तो यूपी में कराएंगे जातीय जनगणना। भाजपा के लिए बढ़ी परेशानी।

यूपी चुनाव के लिए मंच सज चुका है। आज अखिलेश यादव ने भाजपा को फंसाने के लिए ऐसी चाल चली, जिसकी काट भाजपा के लिए मुश्किल है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनी, तो यूपी में जातीय जनगणना कराएंगे। भाजपा और उसका सवर्ण जनाधार जातीय जनगणना का विरोधी रही है।

जातीय जनगणना के सवाल पर व्यापक पिछड़ों में सहमति है। पिछड़ी जातियों का हर हिस्सा जातीय जनगणना के पक्ष में है। उसे विश्वास है कि वास्तव में उसकी संख्या ज्यादा है और उस तुलना में सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उसे नहीं मिलता है। उसे आभास है कि जातीय जनगणना के बाद उसकी स्थिति बेहतर होगी।

सपा के विपरीत भाजपा नहीं चाहती कि जातीय जनगणना हो। उसे पता है कि ऐसा होने पर उसका सवर्ण जनाधार नाराज होगा।

2017 के यूपी चुनाव में पिछड़ों का अच्छा-खासा हिस्सा भाजपा के पक्ष में था। उसने गैर यादव जातियों को गोलबंद करने का लक्ष्य रखा था, जिसमें उसे सफलता भी मिली। अखिलेश के इस नए दांव से भाजपा से पहले से नाराज गैर यादवों की गोलबंदी सपा के पक्ष में हो सकती है। इससे भाजपा की परेशानी बढ़ गई है।

बिहार में भी भाजपा जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है। यहां गैर भाजपा सभी दल जातीय जनगणना चाहते हैं।

आज जहां अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना पर जोर दिया, वहीं राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिर से जिन्ना का मुद्दा उठाया। वे एक सरकारी कार्यक्रम में बोल रहे थे। हालांकि अब भाजपा ने सरकारी कार्यक्रम और पार्टी के कार्यक्रम का फर्क खत्म कर दिया है। यूपी में एयरपोर्ट का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पहले की सपा सरकार पर निशाना साधा।

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